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सीतारामपुर रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रेक पर एक वर्षीय बच्ची को रक्त से लथपथ अवस्था में किया गया बरामद, जिला अस्पताल में इलाजरत


कुल्टी । आसनसोल रेल मंडल के सीतारामपुर रेलवे स्टेशन के केबिन के पास तीन दिन पहले सुबह 5 बजे के आसपास एक वर्षीय बच्ची जो रेल की पटरियों पर रक्त से सनी हुई पड़ी थी। इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना कि सूचना पाकर मोहम्मद कमरुद्दीन उर्फ़ छोटु अपनी मां और बहन के साथ ज़ख्मी बच्ची को लेकर आसनसोल ज़िला अस्पताल लाया। वहां चिकित्सकों ने शिशु का इलाज शुरु कर दिया। चिकित्सकों के अथक प्रयासों के बाद जख्मी बच्ची को बचाया जा सका। चिकित्सकों की कोशिशों से बच्ची अब खतरे से बाहर है। मोहम्मद कमरुद्दीन उर्फ़ छोटु मानवता की मिसाल पेश करते हुए 3 दिन 3 रात अपनी मां के साथ बच्ची को लेकर आसनसोल ज़िला अस्पताल में रहे। छोटु ने नि:स्वार्थ भाव से बच्ची की सेवा कर लोगों को एक अच्छा संदेश दिया है। आसनसोल ज़िला अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि बच्ची के एक हाथ और एक पैर कि हड्डी टूट गई है। अब भी वे बच्ची आसनसोल के जिला अस्पताल में इलाजरत है। लेकिन घटना के बाद से कुछ सवाल लोगों के जेहन में उमड़ रहें है। सबसे अहम सवाल ये है कि वे बच्ची है कोन ? या बच्ची के माता पिता कौन है और यह कहां की रहने वाली है ? एक और सवाल जिसका जवाब नहीं मिल पाया है वह यह कि आखिर यह बच्ची गिरी कैसे ? या फिर उसे चलती रेल गाड़ी से फेंक दिया गया ? इस घटना कि खबर इलाके की पुलिस स्टेशन और सीतारामपुर रेलवे स्टेशन के आरपीएफ कार्यालय और सभी सरकारी कार्यालय और सोशल मीडिया में वायरल कर दिया गया है। लेकिन अब भी स्थनीय लोगों को बच्ची के माता पिता का इंतज़ार है। इस घटना को जानने वाले हर शख्स का यही कहना है कि किसी तरह से यह बच्ची अपने माता पिता से मिल सके और अगर किसी पिता या माता ने लड़की होने पर चलती गाड़ी से फेंक दिया है तो उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

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