100 दिन के काम को लेकर तृणमूल कांग्रेस के 2 गुटों में झड़प
अंडाल । अंडाल थाना अंतर्गत काजोड़ा मोड़ इलाके में 100 दिन के काम को लेकर तृणमूल कांग्रेस के 2 गुटों में झड़प की घटना सामने आयी। घटना में 4 लोगों के घायल होने की खबर है। जबकि काजोड़ा मोड़ स्थित पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ का आरोप एक गुट ने दूसरे गुट पर लगाया। सूचना मिलते ही अंडाल थाना की पुलिस मौके पर पहुंच कर परिस्थित को नियंत्रित किया। घटना में एक पक्ष के कुछ लोग भी घायल हुए हैं। इस संदर्भ में खुशबू चौधरी नामक एक महिला ने बताया कि जब वह 100 दिन का काम मांगने गई थी तो जीतू लाल नामक एक व्यक्ति ने उनका हाथ पकड़ कर उनको निकाल दिया और कहा कि अगर वह नहीं गई तो अन्य महिलाओं द्वारा उनकी पिटाई करवाई जाएगी।
उन्होंने चंदन सिंह नामक एक व्यक्ति पर आरोप लगाया कि उनकी वजह से उनको 100 दिन का काम नहीं मिल रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि उनको धमकियां भी दी जा रही है और स्थानीय टीएमसी पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ भी की गई है। उन्होंने बताया कि तोड़फोड़ करने वाले भी टीएमसी समर्थक ही है। वही इस विषय में गुरमीत सिंह नामक एक व्यक्ति ने कहा कि एक महिला ने आकर उनसे शिकायत की कि उनको 100 दिन का कार्य नहीं दिया जा रहा है जो 80 दिन कार्य कर चुके है। उनको कार्य दिया जा रहा है लेकिन जिनको 1 दिन भी काम नहीं मिला है उनको काम नहीं दिया जा रहा है। गुरमीत सिंह ने कहा कि जब वह इस बात की जानकारी लेने पहुंचे तो उनके साथ गाली गलौज की गई। इसके बाद जब वह लोग खाने गए तो थाने के अधिकारियों ने भी दोनों पक्षों को बिठाकर जिनको काम नहीं मिला है। उनको काम देने की सलाह दी। उन्होंने जीतू लाल, चंदन सिंह, शंभू यादव, शम्भू यादव के बेटे सहित उनके साथियों पर उनके साथ मारपीट करने का आरोप लगाया। वहीं इस विषय में दूसरे पक्ष के तरफ से एक व्यक्ति ने कहा कि यहां पर 100 दिन का काम चल रहा है। घटना के समय वह आसनसोल में थे। उनको पता चला कि यहां 100 दिन के काम को लेकर कुछ विवाद खड़ा हुआ है और 100 दिन के कार्य के जो सुपरवाइजर है उन्होंने उनको फोन पर बताया कि कुछ लोग आकर यहां 100 दिन के काम में अपना नाम डलवाने के लिए मारपीट कर रहे है। उन्होंने सुपरवाइजर को थाने जाकर इसकी
शिकायत करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि यहां कुल 126 लोग मनरेगा के तहत काम कर रहे है। इसके अलावा अन्य नामों को डालना संभव नहीं है, क्योंकि सभी नामों का पंजीकरण ब्लॉक दफ्तर से होता है। जिन नामों का पंजीकरण हो चुका है उन्हीं का वेतन आएगा। अन्य लोगों को अगर काम पर रख लिया गया तो फिर उनको वेतन देने की समस्या खड़ी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जिनका नाम नहीं आया है वह या तो स्थानीय पंचायत या ब्लॉक कार्यालय से संपर्क कर इस विषय में जानकारी हासिल कर सकते है। लेकिन मारपीट करना सर्वथा अनुचित है। वहीं खुशबू चौधरी को लेकर इस व्यक्ति ने बताया कि सिर्फ खुशबू चौधरी नहीं इससे पहले भी ऐसे कई कर्मी हैं जिनका नाम पहले 100 दिन के काम में पंजीकृत था। लेकिन इस बार उनका पंजीकरण नहीं हुआ है क्यों नहीं हुआ है। इस बात का जवाब सिर्फ पंचायत या ब्लॉक अधिकारी दे सकते है। इसके साथ ही उन्होंने गौतम मंडल के संदर्भ में बताया कि वह एक वरिष्ठ व्यक्ति हैं जिनके कुछ समर्थकों ने इस तरह का हंगामा खड़ा किया है। उनको चाहिए कि वह अपने समर्थकों को नियंत्रित रखें क्योंकि मारपीट से किसी बात का हल नहीं निकल सकता है। वहीं बाकी कार्यालय में तोड़फोड़ किए जाने के आरोपों को उन्होंने सिरे से खारिज किया और कहा कि उन्हीं लोगों ने तोड़फोड़ क्या होगा।
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