Shilpanchal Today

Latest News in Hindi

बच्चों को उच्च शिक्षा जरूर दें उनको योग्य जरूर बताएं लेकिन साथ ही अच्छा इंसान होने के संस्कार जरूर दें

आसनसोल । कहते हैं बच्चे बुजुर्गों की लाठी होते हैं माता पिता के आखिरी समय में बच्चों का साथ उनके जीवन को सुखमय बनाता है। माता पिता पाल पोस कर अपने बच्चों को बड़ा करते हैं। ताकि जीवन के अंतिम दिनों में वह बच्चे उनकी देखभाल करें। लेकिन कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जो अपनी इस जिम्मेदारी को नहीं निभाते और अपने माता पिता को वृद्धाश्रम में छोड़ देते हैं। ऐसा नहीं है कि वह उनके पास अपने माता-पिता की देखभाल करने की सुविधा नहीं है। या वह अक्षम है बस वह अपनी जिंदगी की खुशियों में इतना मगन रहना चाहते हैं कि वह बुढ़े मां-बाप की जिम्मेदारी लेना नहीं चाहते। लेकिन शायद वह भूल जाते हैं कि आज जिन हालातों से उम्र के जिस दौर से उनके माता-पिता गुजर रहे हैं एक न एक दिन वही परिस्थिति उनकी भी होगी। ऑल इंडिया ह्यमन राइट्स के रजेत प्रसाद डिशेरगढ़ स्थित आद्या शक्ति वृद्ध आश्रम पहुंचे। दर असल वृद्धाश्रम का वार्षिक अनुष्ठान था। जहां वह अतिथि के रुप में आमंत्रित थे। यहां पहुंचकर उनकी मुलाकात एक वृद्धा से हुई। यह वृद्धा लंबे समय से इस वृद्धाश्रम में रह रही हैं। उसका बेटा राजेश हेला सीतारामपुर में रेलवे में किसी ऊंचे पद पर कार्यरत हैं। महिला को भी रेलवे की तरफ से पेंशन मिलती है। लेकिन रेलवे के उच्च अधिकारी उस बेटे के पास इतनी फुर्सत नहीं है कि वह अपने मां की देखभाल कर सकें और उसने अपने वृद्धा मां को वृद्धाश्रम में छोड़ दिया है। जब रजेत प्रसाद ने वृद्धा से बात की तो पता चला कि न सिर्फ उनके बेटे ने उनको इस वृद्धाश्रम में छोड़ दिया है बल्कि रेलवे की तरफ से उनको जो पेंशन मिलता है वह रकम भी वह हड़प लेता है। यह सुनकर रजेत प्रसाद को अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ कोई व्यक्ति इतना भी नीचे गिर सकता है। अगर वह इस वृद्धा की बात नहीं सुनते तो शायद उनको विश्वास नहीं होता। महिला के हर शब्द में उनका दर्द झलक रहा था। उन्होंने कहा कि उन्होंने और उनके पति ने अपने बेटे की परवरिश में कोई कमी नहीं रखी। उनके बेटे की हर ख्वाहिश को उन्होंने पूरा किया। उनको अच्छे से अच्छी शिक्षा दी अपने बेटे को उन्होंने इतना योग्य बना दिया कि आज वह रेलवे में उच्च पद पर आसीन है। लेकिन महिला की बातों में कहीं न कहीं इस बात का अफसोस भी था कि उन्होंने अपने बेटे को उच्च शिक्षा तो जरूर दिया। उंचे पद पर आसीन होने लायक योग्यता तो जरूर दी। लेकिन अच्छा इंसान होने अच्छा बेटा होने के संस्कार डालना शायद वह भूल गए। उन्होंने कहा कि शायद इस दिशा में उनकी ही परवरिश में कोई कमी रह गई होगी।यही वजह है कि उनका बेटा उच्च शिक्षित हुआ। उंचे पद पर कार्य करने की योग्यता भी आई। लेकिन अपने मां के प्रति जो कर्तव्य का पालन करने के संस्कार उसमें आने चाहिए थे। वह नहीं आए, उन्होंने आज के अभिभावकों से हाथ जोड़कर अपील की कि वह भी अपने अपने बच्चों को उच्च शिक्षा जरूर दें उनको योग्य जरूर बताएं लेकिन साथ ही अच्छा इंसान होने के संस्कार भी उनमें डालें। वरना भविष्य में ऐसे वृद्धाश्रम की संख्या और बढ़ेगी और उन जैसे माता-पिता की संख्या भी और बढ़ेगी जिनको उनके बच्चे जीवन के अंतिम प्रहर में यहां छोड़कर चले जाएंगे।  
This image has an empty alt attribute; its file name is WhatsApp-Image-2021-08-12-at-22.47.27.jpeg
This image has an empty alt attribute; its file name is WhatsApp-Image-2021-08-12-at-22.48.17.jpeg
This image has an empty alt attribute; its file name is WhatsApp-Image-2021-08-12-at-22.49.41.jpeg
This image has an empty alt attribute; its file name is WhatsApp-Image-2021-08-12-at-22.50.18-715x1024.jpeg
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *