आसनसोल मंडल में एक दिवसीय हिंदी कुंजीयन कार्यशाला का आयोजन
आसनसोल । आसनसोल मंडल के राजभाषा विभाग के तत्वावधान में कंप्यूटर प्रयोक्ताओं के हितार्थ एक दिवसीय हिंदी कुजीयन कार्यशाला आयोजित की गयी, जिसमें मंडल के विभिन्न विभागों के कुल 18 आशुलिपिकों ने भाग लिया। अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी-सह-अपर मंडल रेल प्रबंधक-2 ब्रजेश कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यशाला में बतौर अतिथि व्याख्याता विनोद कुमार त्रिपाठी/वरिष्ठ अनुवादक/लिलुआ रेल कारखाना ने हिंदी टाइपिंग पर व्यावहारिक जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि विगत 27 तारीख को आयोजित ‘मंडल राजभाषा कार्यान्वयन समिति’ की बैठक में परमानंद शर्मा ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में निदेश दिया था कि हिंदी के प्रयोग-प्रसार की दिशा में टाइपिस्ट और स्टेनों की अहम् भूमिका है। यदि ये लोग हिंदी टाइपिंग के लिए प्रवृत्त हों तो काफी सुखद परिणाम प्राप्त होंगे। मंडल रेल प्रबंधक परमानंद शर्मा के उक्त निदेश के अनुपालन में राजभाषा अधिकारी डॉ. मधुसूदन दत्त ओर राजभाषा टीम की सक्रिय पहल के फलस्वरूप यह एक दिवसीय हिंदी कुंजीयन कार्यशाला का आयोजन हुआ, जिसमें 18 आशुलिपिकों ने भाग लिया। सर्वप्रथम राजभाषा अधिकारी डॉ. दत्त ने अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी-सह-अपर मंडल रेल प्रबंधक-2 ब्रजेश कुमार त्रिपाठी और अतिथि व्याख्याता विनोद कुमार त्रिपाठी और उपस्थित प्रशिक्षुओं का स्वागत किया। अपने अध्यक्षीय संबोधन में अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी श्री त्रिपाठी ने कहा कि आप लोगों की भागीदारी से यह कार्यशाला सफल हुई है। आशा है कि आज के इस कार्यशाला में आप लोगों को सुगम हिंदी टाइपिंग करने के कुछ टिप्स सीखने को मिलेगा। अपने-अपने विभागों में यदि आप लोग इन टिप्स का उपयोग करके हिंदी में पत्राचार की मात्रा को बढ़ाएंगे तो इस कार्यशाला की यह सार्थक उपलब्धि सिद्ध होगी। आप लोग ही अपने-अपने अधिकारी के समक्ष छोटे-छोटे पत्रों के मसौदे हिंदी में प्रस्तुत करेंगे तो यह काफी अच्छी पहल होगी। विनोद कुमार त्रिपाठी ने हिंदी टाइपिंग के क्षेत्र में आये आधुनिक एप्स के बारे में जानकारी दी और उनके व्यावहारिक उपयोग के बारे में बताया। स्मार्ट फोन पर वॉयस टाइपिंग के जरिए हिंदी में टाइप करने के बारे में समझाया। इस प्रकार की कार्यशाला के आयोजन पर प्रशिक्षुओं ने हर्ष व्यक्त किया और अपील की कि इस प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन बीच-बीच में किया जाता रहे ताकि हमलोग कुछ और बेहतर कर सकें। इस कार्यशाला के आयोजन में राजभाषा विभाग के दिलीप कुमार पासवान, भारत भूषण पांडेय, पुरुषोत्तम कुमार गुप्ता, संजय राउत और मंजू देवी श्रीवास्तव ने सक्रिय योगदान किया।