बराकर स्टेशन पर रेलवे कर्मचारी और उनके आश्रित बच्चों के लिए ” हिंदी काव्य पाठ प्रतियोगिता” का किया गया आयोजन
आसनसोल । मंडल रेल प्रबंधक, पूर्व रेलवे, आसनसोल चेतनानंद सिंह के सक्रिय संरक्षण और अपर मंडल रेल प्रबंधक आशीष भारद्वाज के कुशल मार्गदर्शन में आसनसोल मंडल राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार में सतत अग्रसर है। इसी क्रम में आसनसोल मंडल में राजभाषा पखवाड़ा-2023 का आयोजन 1 सितंबर, 2023 से आरंभ हो चुका है और विविध चरणों से होते हुए 27 अक्टूबर, 2023 को इसका समापन होगा। इस परिप्रेक्ष्य में शनिवार को बराकर स्टेशन पर रेलवे कर्मचारी और उनके आश्रित बच्चों के लिए एक काव्य पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. मधुसूदन दत्त राजभाषा अधिकारी पूर्व रेलवे आसनसोल ने की और सह-अध्यक्षता स्टेशन प्रबंधक, मदन गोपाल केसरी ने की। कार्यक्रम का विधिवत उदघाटन राजभाषा अधिकारी द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर पीयूष कुमार केसरी सुपुत्र प्रदीप कुमार केसरी ने स्वागत गीत की रोचक प्रस्तुति की। बच्चों के लिए आयोजित प्रतियोगिता में कुल 10 बच्चों ने भाग लिया, जिनमें से प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान के अतिरिक्त तीन प्रेरणा पुरस्कार के लिए भी प्रतिभागियों का चयन किया गया। साथ ही, रेल कर्मियों की प्रतियोगिता में भी प्रथम, द्वितीय व तृतीय सहित तीन प्रेरणा पुरस्कार के लिए प्रतिभागियों ने स्थान प्राप्त किया गया। उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण बिक्रम बी. हांसदा द्वारा प्रस्तुत काव्यात्मक गीत रहा। इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय भाषण में राजभाषा अधिकारी ने कहा कि ऐसे आयोजनों से रेल कर्मियों और उनके बच्चों के लिए एक साहित्यिक मंच उपलब्ध कराया जाता है, जिसमें रेल कर्मचारी एवं उनके बच्चों की रचनात्मक लेखन सृजनशीलता उभर कर सामने आती है। आगे, उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता में स्थान प्राप्त करना उतना महत्त्व नहीं रखता, जितना कि उसमें भाग लेना। प्रतियोगिता के अगले क्रम में स्टेशन प्रबंधक मदन गोपाल केसरी ने कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रयुक्त योजना एवं श्रम संसाधन का उल्लेख करते हुए कहा कि कहीं ना कहीं इसमें सभी की भागीदारी रही है और रेल कर्मियों और उनके बच्चों में राजभाषा हिंदी के प्रति एक उत्साह का वातावरण तैयार हुआ है। कार्यक्रम का संचालन संजय राउत, कनिष्ठ अनुवादक एवं सहयोग के रूप में दिलीप कुमार पासवान, वरिष्ठ अनुवादक की सराहनीय भूमिका रही है। साथ ही, रविकांत एवं प्रदीप कुमार केसरी व अन्य रेल कर्मियों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अथक योगदान दिया है।