इंडिया बुक ऑफ का रिकॉर्ड्स में आसनसोल की 6 वर्षीय किशोरी ने अपनी प्रतिभा पर नाम दर्ज की
आसनसोल । आसनसोल को कोयलांचल कहा जाता है। यहां जमीन के नीचे कोयला मिलता है। कोयले की खान में ही हीरे की प्राप्ति होती है। लेकिन कभी-कभी एक हीरा धरती पर भी मिल जाता है। हम आज आपको एक ऐसे ही अनमोल हीरे के बारे में बताने जा रहे हैं। इनका नाम है रिद्धिता माझी उनकी उम्र सिर्फ 6 साल है। लेकिन इनके अंदर जो प्रतिभा है। उसे देखकर हर कोई दांतों तले उंगलियां दबा लेगा और उनकी इस प्रतिभा को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा भी स्वीकार किया गया है और इंडिया बुक ऑफ का रिकॉर्ड्स में रिद्धिता का नाम दर्ज हुआ है। हमने उनके पिता मिलन माझी से बात की तो उन्होंने बताया कि उनके अंदर जो प्रतिभा है। उसे देखते हुए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया था और इसके बाद उनकी कुछ औपचारिकताएं पूरी की गई और जब इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स वालों को उनकी बेटी की प्रतिभा के बारे में पता चला तो उन्होंने भी उनकी नन्ही बेटी के प्रतिभा को मान्यता दी और मेडल प्रशस्ति पत्र आदि दिए गए। इस नन्हीं सी उम्र में ही देश के नाम देश के झंडों का रंग पहचाना इंग्लिश ट्रांसलेशन सहित ऐसे कई चीजे नन्ही रिद्धिमा कर लेती है जिसे करना शायद उम्र दराज लोगों के लिए भी संभव नहीं है। उनके पिता मिलन मांजी ने बताया कि उनकी बेटी की प्रतिभा को देखते हुए वह चाहते हैं कि उनकी बेटी का नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो और इसके लिए वह कोशिश भी कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि फिलहाल उनकी बेटी को उनकी पत्नी रत्ना माझी ही पढ़ाती हैं और उन्हीं के मार्गदर्शन में उनकी बेटी ने यह उपलब्धि हासिल की है।