सीपीआईएमएल ने केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना कर किया पथसभा
आसनसोल । वामपंथी संगठन सीपीआईएमएल के तरफ से रविवार आसनसोल के बीएनआर मोड़ स्थित रवींद्र भवन के सामने विरोध सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर सीपीआईएमएल के नेताओं ने केंद्र सरकार की कड़ी मजम्मत की। इनका कहना है कि जिस तरह से वर्ष 2002 में गोधरा में हुए दंगों की निष्पक्ष जांच करवाने की कोशिश कर रही। सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार किया गया। वह न सिर्फ असंवैधानिक है बल्कि भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ 2002 में गुजरात के गोधरा में हुए दंगों की निष्पक्ष जांच करवाने के लिए बीते 20 सालों से संघर्ष कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 2002 में सांसद अहसान जाफरी ने अपनी जान बचाने के लिए गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर गुहार लगाई थी। तब भी प्रशासन की तरफ से उनकी मदद नहीं की गई थी। हिंदू सांप्रदायिक शक्तियों ने उनकी निर्ममता के साथ हत्या कर दी थी। सीपीआईएमएल द्वारा हाल ही में सुप्रीम कोर्ट कि उस राय को दुर्भाग्य जनक और हैरान करने वाला बताया। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ पर सीधे तरीके से यह टिप्पणी की थी कि उन्होंने दिवंगत अहसान जाफरी की पत्नी की भावनाओं का बेजा इस्तेमाल किया और जिन मानव अधिकार कर्मियों और सरकारी कर्मचारियों ने गुजरात पुलिस कि राय के खिलाफ राय जाहिर किया था। उन्हें कटघरे में खड़ा करना चाहिए। उन्होंने कहा सुप्रीम कोर्ट की यह राय चौंकाने वाला है। सीपीआईएमएल ने यह भी आरोप लगाया कि अमित शाह द्वारा तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ बयान देने के 1 दिन के अंदर ही उनको गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने इस गिरफ्तारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिशोधात्मक राजनीति का परिचायक बताया। इस विरोध सभा में सीपीआईएमएल के सुरेंद्र सिंह, उज्ज्वल राय, प्रदीप बनर्जी, संध्या दास, स्वदेश चटर्जी, डीएन दास सहित दर्जनों समर्थक उपस्थित थे।