रानीगंज के सर्कस मैदान स्थित बाजार के दुकानदारों के समर्थन में सीटू

रानीगंज । श्रमिक संगठन सीटू के रानीगंज शाखा की ओर से सोमवार को रानीगंज बोरो कार्यालय में ज्ञापन सौंपा गया। इस मौके पर रानीगंज के पूर्व विधायक रुनु दत्त, दिव्येंदु मुखर्जी, हेमंत प्रभाकर, नारायण बाउरी, उमा पद बाउरी, कृष्णा दासगुप्ता, सुप्रियो राय सीटू के रानीगंज शाखा के अन्य कार्यकर्ता व सदस्य उपस्थित थे। इस मौके पर पूर्व विधायक रुनु दत्त ने कहा कि कोरोना काल में बाजार में भीड़ को कम करने के लिए रानीगंज के सर्कस मैदान में एक बाजार का निर्माण किया गया था। तत्कालीन मेयर जितेंद्र तिवारी ने इसका उदघाटन किया था। यहां तक कि नगर निगम की ओर से बिजली और पानी की भी व्यवस्था की गई थी। लेकिन आज जब रेलवे के अधिकारी आकर इस बाजार के दुकानदारों को यहां से हटने की धमकी दे रहे हैं। तब आसनसोल नगर निगम मौन है। उन्होंने कहा कि उनको पूरी जानकारी है कि यह जमीन लीज पर है यानी इस जमीन के मालिक केंद्र सरकार या रेलवे विभाग नहीं बल्कि राज्य सरकार है तो ऐसे में उस जमीन को खाली कराने के लिए रेलवे के अधिकारी कैसे बोल सकते हैं। आसनसोल नगर निगम अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ सकता है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी जब बर्न स्टैंडर्ड कंपनी से आसनसोल नगर निगम का बकाया लगभग 120 करोड रुपए वापस लेने की घड़ी आई थी। तब भी आसनसोल नगर निगम मौन हो गया था। यह बड़े आश्चर्य की बात है कि जब उस कंपनी से बकाया राष्ट्रीय की मांग करने का समय आया। तब एकमात्र आसनसोल नगर निगम ही मौन रहा। बाकी सभी ने यहां तक कि उस कंपनी के श्रमिकों ने भी अपने बकाया राशि की मांग की। उन्होंने कहा कि सर्कस मैदान के दुकानदारों को यहां से अगर हटाया गया तो इनके कामकाज पर बुरा असर पड़ेगा। क्योंकि इनको कहीं और जगह नहीं मिलेगी। क्योंकि आजकल कहीं पर भी नए दुकानदारों को बैठने नहीं दिया जाएगा।
हालांकि जब हमने इस संदर्भ में आसनसोल नगर निगम के एमएमआईसी दिव्येंदु भगत से बात की तो उन्होंने कहा कि वामपंथियों को लोगों के बारे में सोचने की जरूरत नहीं है। यह ममता बनर्जी का बंगाल है यहां पर लोगों का तेजी से विकास हो रहा है और कुछ मांगने से पहले ही लोगों की इच्छा है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पूरी कर देती है। उन्होंने वामपंथियों पर कटाक्ष करते हुए कहा 34 सालों में उन्होंने लोगों के लिए क्या किया और आज जब वह लोगों की हिमायत करने की बात करते हैं तो उनको पता होना चाहिए कि लोगों का समर्थन उनके साथ नहीं है। वहीं रेलवे द्वारा दुकानदारों को हटने की धमकी दिए जाने के संदर्भ में उन्होंने ने कहा कि इस संबंध में उनके पास कोई जानकारी नहीं है या अब तक ऐसे किसी नोटिस के बारे में उनको पता नहीं है।