भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण चित्तरंजन-नियामतपुर मुख्य सड़क के किनारे बना नाला
सालानपुर । देश में आज भ्रष्टाचार का आलम यह है कि उदघाटन होने से पहले ही सड़क जर्जर हो जा रही है, पुल गिर जा रहे है, भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण चित्तरंजन-नियामतपुर मुख्य सड़क के किनारे बनाया जा रहा नाला, तस्वीर में आप देख सकते है कि कुछ दिनों पहले बना नाला कैसे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ कर ध्वस्त हो गया है। बता दे कि यह तस्वीर देंदुआ मोड़ से महज कुछ दूरी पर स्थित बालाजी ग्लास फैक्टरी के निकट चित्तरंजन-आसनसोल मुख्य सड़क के किनारे बने नाले की है। सड़क का निर्माण कुछ महीने पहले पीडब्ल्यूडी द्वारा करोड़ो रुपए की लागत से बनाया गया था और सड़क का ठेका एमएस उद्योग एंड कंपनी को दी गई थी, साथ ही सड़क की जीवनकाल और अधिक हो और बारिश एवं जल जमाव से सड़क खराब न हो इसके लिए जल निकासी के लिए देंदुआ मोड़ से चौरंगी मोड़ तक जरूरत के हिसाब से हाई ड्रेन(नाला) का भी निर्माण किया गया था, हालांकि अबतक पूरे रूप से ड्रेन का निर्माण भी नहीं किया गया है। पर निर्माण के कुछ दिनों बाद ही हाई ड्रेन की छत मानो मिट्टी की छत की तरह धवस्त हो गई है, वहीं मामले में स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ दिन पहले एक ट्रॅक यहां धस गई थी, नाला का निर्माण भी ठीक से नहीं किया गया है। नाले की ऊचाई कही सड़क से नीचे है, तो कही बहुत ऊपर है। वहीं सड़क से जल नाले में जाये इसकी उचित व्यवस्था तक कही कही नहीं की गई है। खास कर नाला निर्माण में गुणवत्ता इतनी खराब है कि सीमेंट गिट्टी की ढ़लाई बिस्कुट की तरह टूट गई है और अब यह जगह और भी खतरनाक हो गयी है, जहां कभी भी कोई दुर्घटना घट सकती है। रात के समय घटना को आमंत्रण देता है यह नाला, मामले को लेकर एमएस उद्योग एंड कंपनी के मैनेजर प्रदीप भट्टाचार्य से पूछने पर उन्होंने बताया कि इस कार्य को एक स्थानीय ठेकादार को पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर दिया था। मामलें की जानकारी उन्हें दे दी गयी है। जल्द ही ठीक कर दिया जाएगा। वही यहां यह सवाल उठ रहा है कि सड़क किनारे हाई ड्रेन का निर्माण इतने खराब गुणवत्ता क्यों किया गया है। क्या यह जानबूझकर दुर्घटना को आमंत्रण नहीं दिया जा रहा है। वहीं पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की यह जिम्मेदारी नहीं है कि कार्य के समय एवं उसके पश्चात एक बार गुणवत्ता की जांच करें।