होली में केमिकल युक्त रंगों से रखें परहेज, बरतें सावधानियां, एक्सपर्ट ने दी बड़ी सलाह
आसनसोल । रंगों का त्योहार होली को लेकर लोगों में काफी उत्साह नजर आ रहा है। ऐसे में बाजारों में कई तरह के केमिकल युक्त रंग भी दुकानों की शोभा बढ़ा रहे है। लेकिन यह केमिकल युक्त रंग त्वचा, आंख व श्वास संबंधी रोगों के लिए काफी हानिकारक माना जा रहा है। होली रंगों का त्योहार है ऐसे में लाल, पीले, नीले, गुलाबी रगों से तो खेलना लाजमी है। लेकिन इन रंगों में कई तरह के केमिकल भी मिले होते हैं जो त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं, ऐसे में होली खेलने के साथ-साथ त्वचा का ख्याल रखना भी बेहद जरूरी है। इसके लिए चिकित्सको की सलाह जरूर माननी चाहिए। होली खेलने के लिए बाजार में कई तरह के रंग उपलब्ध है। उनमें से कुछ तो बहुत ही हानिकारक होते हैं। ऐसे में चिकित्सकों की सलाह लेकर केमिकल रंगों का उपयोग करने से बचना जरूरी है।
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि होली खेलने के लिए लोग जिन रंगों का उपयोग करते है वह ऐसे रसायनों से तैयार किए जाते है जो लोगों के लिए बेहद ही हानिकारक होते हैं। होली पर जिन लोगों को इस तरह के रंग लगाये जाते है। उन्हें त्वचा रोग होने का सर्वाधिक खतरा रहता हैं। रसायनों से युक्त रंग लगने के कुछ ही देर बाद त्वचा में तेज जलन, खुजली या फफोलों का निकलना शुरू हो जाता है। अगर यह रंग आंखों में चले जाए तो इनसे आंखों को भी क्षति पहुंच सकती है। केमिकल युक्त रंगों की बजाय सूखे रंगों का उपयोग करना चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि केमकिल युक्त रंगों से बचना चाहिए। कई बार सांस के जरिए यह रंग फेफड़ों में भी जमा हो जाते है जिसके कारण वहां भी संक्रमण हो सकता है। शिल्पांचल टुडे भी आपसे अपील करता है कि केमिकल युक्त रंगों की बजाय प्राकृतिक रंगों या गुलाल से होली खेले ताकि उनकी खुशियों में कोई भंग न पड़ जाए।