पश्चिम बर्दवान जिला कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग की ओर से 3 सूत्री मांगों के समर्थन में रैली कर ज्ञापन
आसनसोल । पश्चिम बर्दवान जिला कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग की ओर से 3 सूत्री मांग को लेकर रैली कर डीएम कार्यालय में ज्ञापन सौंपा गया। डीएम के नहीं रहने के कारण एडीएम को ज्ञापन सौंपा गया।मौके पर पश्चिम बर्दवान जिला अध्यक्ष मो. शाकिर ने कहा के वर्ष 2011 में जब टीएमसी पश्चिम बंगाल में सरकार में आई तब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वादा किया था कि जिस ज़िले में 10 फीसदी उर्दू बोलने वाले रहते है, वहां उर्दू को दूसरी दरजा देंगे, आसनसोल, कोलकाता, गार्डन रीच और इस्लामपुर ज़िले को लेकर ये घोषना की गई। आज 13 साल गुज़रने के बाद भी उर्दू को दूसरी भाषा का दर्जा दिया गया। यहां तक डब्ल्यूबीएससी के लिए जो उर्दू और हिंदी छात्र तयारी करते थे, उनका भी 300 नंबर बांग्ला को अनिवार्य करके बंद कर दिया गया। हम बंगाल में रहते हैं बांग्ला भाषा जरूरी है। लेकिन अगर उर्दू और हिंदी को भी ऑप्शन में रखा जाता है। उर्दू और हिंदी छात्रों के लिए बेहतर होता है। लेकिन ये तुगलकी फरमान जारी करके उर्दू और हिंदी छात्रों के लिए मयूशी छ गया। उसी तरह पश्चिम बंगाल उर्दू अकादमी में भी पूरा – पूरी टीएमसी पार्टी का अड्डा बन कर रह गया, क्यों के एक तरफ उर्दू अकादमी में अल्पसंख्यक लोगों में खुश कर अदीब, शायर, सामाजिक कार्यकर्ता, नाटक निगार को होना चाहिए। उर्दू अकादमी को नाम बदल कर पश्चिम बंगाल तृणमूल पार्टी अकादमी रख देना चाहिए। ये बड़ा ही दुख और अफसोस का मकाम है, अभी हाल ही है पश्चिम बंगाल उर्दू अकादमी के जानिब से नाटक को कार्यक्रम लिया गया। लेकिन अफ़सोस आसनसोल ‘रानीगंज और कुल्टी के नाटक टीम को बाहर रख कर हिंदी नाटक को तारजी दिया गया। यहां भी उर्दू वालों के साथ सारा – सारा धोखा किया जा रहा है। उम्मीद करते हैं आने वाले दिनों में हमारी डिमांड वेस्ट को बंगाल सरकार जरूर पूरी करेगी। मौके पर वकील एज़ाज़ अहमद और सबीरुद्दीन खान, प्रसेनजीत पोईतांडी, शाह आलम खान, वाजिद हुसैन, अशरफ खान, मो. सलाहुद्दीन, मो. शाहिद, (बबलू), मो. सलीम, सोमनाथ चटर्जी, मो. मुमताज, महजबी खातून, शाहनाज खातून, गुड्डु बर्मन, राहुल रंजन एवं कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।