गाछ दादू पद्मश्री दुखु माझी बने ईसीएल के लिए प्रेरणा स्रोत ईसीएल में मना अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
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कुल्टी । ईसीएल अपने स्थापना काल से बहुभाषी और बहुसांस्कृतिक समाज का रूप धारण की हुई है, जहाँ के लोग अपनी भाषाओं के माध्यम से नित्य सजीव रहते हैं और अपने पारंपरिक ज्ञान और संस्कृतियों को स्थायी तरीके से प्रसारित और संरक्षित करते हैं। सामाजिक एवं सांस्कृतिक सौहार्द के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए ईसीएल सदैव तत्पर व समर्पित रहती है। संपूर्ण धरा अपनी जननी के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए प्रत्येक वर्ष 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाती है। यह परंपरा की जननी भी बंगाल क्षेत्र रही है। इससे पूर्व भी पुरूलिया क्षेत्र मातृभाषा के प्रति प्रेम एवं सजगता के लिए पूरे राष्ट्र में अपना अलग पहचान रखती है। ईसीएल द्वारा इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार को अपने मुख्यालय के डिसेरगढ़ क्लब, झालबगान में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस, 2025 के शुभ अवसर पर सौहार्द सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें वर्ष 2024 में पद्मश्री से सम्मानित पुरुलिया जिले के गाछ दादू के नाम ख्याति प्राप्त पर्यावरणविद दुखु माझी मुख्य वक्ता के रूप में सादर आमंत्रित रहे। पद्मश्री दुखु माझी ने सभा को संबोधित करते हुए पर्यावरण संरक्षण का गूढ़ मंत्र दिया और कई सुंदर लोकगीत का गायन किया। पद्मश्री दुखु माझी ईसीएल के लिए प्रेरणा स्रोत है। ईसीएल पर्यावरण संरक्षण के प्रति सदैव सजग व समर्पित रहती है। यह सम्मेलन ईसीएल के निगमित सामाजिक दायित्व की परिकल्पना को पूर्णता प्रदान करने के लिए उत्तम कृत सिद्ध हुई।
वर्तमान वर्षावधि कोल इंडिया लिमिटेड का स्वर्णिम काल है अर्थात 50वां स्थापना दिवस है। अतः सौहार्द सम्मेलन का भव्य रीति से संपन्न किया गया जिसमें संथाली नृत्य एवं पुरूलिया की अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त छउ नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति हुई। इस सौहार्द सम्मेलन में 400 से अधिक जनों की सक्रिय सहभागिता रही। यह आयोजन पश्चिम बंगाल के पुरूलिया जिले में अवस्थित पंचकोट महाविद्यालय एवं पश्चिम बर्द्धमान में अवस्थित ईसीएल मुख्यालय के संयुक्त प्रयासों से संपन्न किया गया जिसमें कलकत्ता विश्वविद्यालय के प्रथम हिन्दी प्राध्यापिका, पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष एवं दो बार की राज्यसभा सांसद प्रो. डॉ. चन्द्रकला पाण्डेय एवं ईसीएल के निदेशक (तकनीकी) संचालन तथा योजना व परियोजना नीलाद्रि रॉय की गरिमामयी उपस्थिति रही। इसके साथ ही सम्मेलन को पुरूलिया जिले के वरिष्ठ बांग्ला कवि, साहित्यकार एवं लोक सांस्कृतिक गवेषक सुभाष रॉय, पुरुलिया के वरिष्ठ साहित्यकार सव्यसाची चट्टराज, आसनसोल के वरिष्ठ हिन्दी साहित्यकार संजय मिश्रा उर्फ सृंजय तथा कोलकात में अवस्थित जोगेश चन्द्र चौधरी कॉलेज की सहायक प्रोफेसर (हिन्दी) ममता रंजन त्रिवेदी का सप्रेम सान्निध्य प्राप्त हुआ। अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2025 के उपलक्ष्य पर पंचकोट महाविद्यालय, पुरूलिया में 17 एवं 18 फरवरी को विविध प्रतियोगिताओं यथा रचनात्मक लेखन (बांग्ला) प्रतियोगिता, रचनात्मक लेखन (हिन्दी) प्रतियोगिता, संगीत प्रतियोगिता, नृत्य प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता, काव्य-आवृत्ति प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता एवं लघु वीडियो प्रतियोगिता आयोजित किए गए थे जिसमें महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने सक्रियता से भाग लिया। सफल प्रतिभागियों को आज आयोजित सम्मेलन में पुरस्कृत किया गया।
सम्मेलन को सफल बनाने के लिए पंचकोट महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. सप्तर्षि चक्रवर्ती एवं उनकी पूरी टीम तथा विद्यार्थियों का योगदान सराहनीय रहा। ईसीएल पंचकोट महाविद्यालय के एनसीसी कैडर के बच्चों के प्रति विशेष आभार प्रकट करती है जिन्होंने सम्मेलन को सुचारू रूप से संपन्न करने में सार्थक योगदान दिया।