वामपंथी छात्र संगठन के नेता और कार्यकर्ताओं ने डीएम को सौंपा ज्ञापन
आसनसोल। जादवपुर कांड को लेकर मंगलवार वामपंथी छात्र संगठनों की तरफ से जिला शासक को ज्ञापन सौंपा गया। इस मौके पर यहां बड़ी संख्या में वामपंथी छात्र संगठन के नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे। इस संदर्भ में वामपंथी युवा संगठन डीवाईएफआई नेता वेक्टर आचार्य ने कहा कि 1 मार्च को जो कुछ भी जादवपुर विश्वविद्यालय में हुआ। वह सब ने देखा कि किस तरह से शांतिपूर्ण तरीके से मतदान करवाने की मांग पर आंदोलन कर रहे वामपंथी कार्यकर्ताओं पर छात्रों पर शिक्षा मंत्री ने गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें एक छात्र बुरी तरह से घायल हो गया और भी गए छात्रों को चोट लगी है। उन्होंने कहा कि यह कोई अकेली घटना नहीं है इस तरह से टीएमसी द्वारा लगातार राज्य के हर एक हिस्से में विरोधी स्वर को दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो कुछ भी एक मार्च को कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय में हुआ। उसकी जितनी निंदा की जाए कम है। विक्टर आचार्य ने बताया कि वह जिला शासक के पास आए हैं, क्योंकि जिला शासक इस जिले के अभिभावक हैं और अपनी बातों को रखने के लिए वह यहां पर आए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी और टीएमसी के बीच सांठगांठ है और इसी की वजह से वामपंथी छात्रों पर इस तरह के हमले हो रहे हैं। लेकिन उन्होंने साफ कहा कि इस तरह के हमले करके वामपंथी छात्रों को रोक नहीं जा सकता।
वही इस बारे में जब हमने पश्चिम बर्दवान जिला टीएमसीपी अध्यक्ष अभिनव मुखर्जी से बात की तो उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री पर जिस तरह से लेफ्ट और लेफ्ट छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं ने हमला किया वह बहुत अफसोस नाक है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जिस तरह की अराजकता यह लोग फैलाना चाहते हैं। उसे कभी होने नहीं दिया जाएगा।अभिनव मुखर्जी ने कहा कि आज जादवपुर विश्वविद्यालय पढ़ाई लिखाई के लिए नहीं बल्कि इन लेफ्ट और अल्ट्रालेफ्ट छात्रों के लिए नशे का गढ़ बन चुका है। उन्होंने एक बार फिर कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हमेशा कहा है कि वह बदला नहीं बदलाव चाहते हैं और यही वजह है कि टीएमसी से जुड़े छात्र खामोश हैं नहीं तो पश्चिम बंगाल के किसी भी विश्वविद्यालय या कॉलेज से वामपंथी छात्र संगठन को हटाने के लिए 5 मिनट ही काफी है।