लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक कानूनी जागरूकता शिविर लगाया गया
आसनसोल । पश्चिम बंगाल वन विभाग के सहयोग से जीवित जानवरों और उनके शरीर के अंगों के अवैध व्यापार और गैर वन क्षेत्रों में पेड़ों की अवैध कटाई के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक कानूनी जागरूकता शिविर लगाया गया। जंगली जानवरों या उनके अंगों की तस्करी को रोकने के लिए प्रशासन की तरफ से लगातार प्रयास किए जाते रहे हैं। गुरुवार इसी कड़ी में आसनसोल के सिटी बस स्टैंड के बाहर चर्च के सामने जागरूकता अभियान चलाया गया। पश्चिम बर्दवान वन विभाग और लीगल सेल की तरफ से संयुक्त रूप से यह जागरूकता शिविर चलाया गया। इसके जरिए आम लोगों को जानकारी दी गई की किन जानवरों या जंगली पशुओं और पक्षियों को संरक्षण प्राप्त है और उनको रखना या उनका व्यापार करना कानून अपराध है। इसे लेकर आसनसोल और दुर्गापुर दोनों ही जगहों में जागरूकता अभियान चलाया गया। इस बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए डिस्ट्रिक्ट लीगल सेल्स सर्विस की सेक्रेटरी आम्रपाली चक्रवर्ती ने बताया कि जंगली पशुओं और पक्षियों की तस्करी या उनके अंगों की तस्करी को रोकने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है। आगामी 22 तारीख को फारेस्ट डे मनाया जाएगा। उससे पहले यह अभियान चलाया जा रहा है। ताकि लोगों में इसे लेकर जागरूकता फैलाई जा सके। उन्होंने कहा कि अक्सर लोग बिना जान कुछ ऐसे प्राणियों और पशुओं को पालतू बना लेते हैं जो संरक्षित हैं। आज इस शिविर के दौरान ऐसे संरक्षित प्राणियों और पशुओं के बारे में लोगों को जानकारी दी गई। वही पेड़ काटने को लेकर भी लोगों को जागरूक किया गया। उन्होंने कहा कि लोगों को लगता है कि जंगल इलाके में पेड़ों की कटाई नहीं की जा सकती। बहुत कम लोग यह जानते हैं कि जंगल के पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध तो है ही इसके साथ ही जो जंगल इलाके नहीं है। वहां पर पेड़ों की कटाई पर भी प्रतिबंध है और अगर बहुत जरूरत पड़ी और पेड़ों को काटना ही पड़ा तो इसके लिए किसी दफ्तर से अनुमति लेनी पड़ती है इसके बारे में भी आज जानकारी दी गई।