माता-पिता की हत्या के आरोपी हुमायूं को अब भी कोई सुराग नहीं
हुमायूं का दावा है कि ‘मेरे माता-पिता ही दोषी थे’। असल में क्या पता है?
बर्दवान । पुलिस वैन के रुकते ही अंदर बैठे आरोपी ने धीरे से नकाब पहन लिया। फिर उसने अपने कंधे पर गमछा टांग लिया। ‘तुमने अपने माता-पिता को क्यों मारा?’ जब मीडिया ने उससे यह सवाल पूछा तो हुमायूं ने संक्षेप में कहा, ‘तुमने ही मारा।’ वह धीरे से पुलिस वैन से बाहर निकला और गुरुवार को बर्दवान कोर्ट में दाखिल हुआ। हाल ही में मेमारी में मुस्तफिजुर रहमान (66) और मोमताज परवीन (56) नामक बुजुर्ग दंपत्ति की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई। दोनों का गला रेत दिया गया था। इस घटना में उनके इकलौते बेटे हुमायूं कबीर को गिरफ्तार किया गया। पुलिस को संदेह है कि उसने अपने माता-पिता की हत्या कर बांग्लादेश भागने की योजना बनाई थी। लेकिन बनगांव में जब उसका विवाद हुआ तो मामला उलझ गया। उस पर मदरसे में कुछ लोगों पर चाकू से हमला करने का भी आरोप है। हुमायूं बीटेक इंजीनियर है। उसने जादवपुर विश्वविद्यालय जैसे शिक्षण संस्थानों से भी पढ़ाई की है। परिजनों का दावा है कि वह हमेशा पैसों के प्रति उदासीन रहता था। ऐसे में उसने अपने पिता और मां की हत्या क्यों की? पुलिस इसका जवाब तलाश रही है। उसकी मानसिक स्थिति की भी जांच की जा रही है। जांचकर्ताओं का कहना है कि हुमायूं की आंखों में पश्चाताप का कोई निशान नहीं है। शुरुआती जांच में पता चला है कि उसके पिता पिछले कुछ सालों से हुमायूं से अनबन चल रही थी। उन्होंने अपने बेटे को शादी करने की सलाह दी थी। पिता की सलाह मानने के बाद भी रिश्ता नहीं चला। पिता अगर अपने बेटे पर अपना फैसला थोपते तो मां उन्हें रोकती नहीं, हुमायूं नाराज रहता था। क्या यही दबा हुआ गुस्सा उसके पिता और मां की हत्या की योजना का कारण था? जांचकर्ता इसका जवाब तलाश रहे हैं।