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ओडीएम इंटरनेशनल स्कूल दुर्गापुर में जिज्ञासा से पूर्ण नॉलेज क्रॉल कार्यक्रम किया गया अयोजन

ओडीएम इंटरनेशनल स्कूल दुर्गापुर में जिज्ञासा से पूर्ण

नॉलेज क्रॉल कार्यक्रम किया गया अयोजन

दुर्गापुर । दुर्गापुर के ओडीएम इंटरनेशनल विद्यालय के परिसर में शुक्रवार को छात्रों में कौशल के विकास को बढ़ावा देने के लिए नॉलेज क्रॉल जैसे एक महत्त्वपूर्ण समारोह का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम छात्रों ने छोटे -छोटे से ऐतिहासिक नाट्य रूपांतरण के द्वारा भारत छोड़ो आंदोलन और ताजमहल से सम्बन्धित ऐतिहासिक तथ्यों को प्रदर्शित किया। छात्रों में जिज्ञासा जगाने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आयोजित कार्यक्रम नॉलेज क्रॉल ने पाठ्यपुस्तकों से परे एक दुनिया के द्वार खोले। यह ज्ञानवर्धक आयोजन छात्रों को ज्ञान के सागर में गहराई से गोता लगाने के लिए आमंत्रित किया। इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए मुख्य अतिथि के रूप अचिंत्य हलदर चार्टर्ड सिविल इंजीनियर आए। भविष्य मे भवन निर्माण के लिए वास्तुदोष को ध्यान में रख कर बनाने की सलाह दी।

कार्यक्रम को जीवंत और आकर्षक बनाने के लिए, विज्ञान और गणित के शिक्षकों ने वैज्ञानिक अवधारणाओं और गणितीय पहेलियों को व्यावहारिक तरीके से प्रदर्शित करते हुए उत्साह और आनंद के साथ मज़ेदार प्रयोग किए। छात्रों ने इन गतिविधियों का भरपूर आनंद लिया, जिससे उन्हें पारंपरिक शिक्षा से दूर रहने और खोज की दुनिया में डूबने का एक मौका मिला। इतना ही नहीं विज्ञान शिक्षकों द्वारा छात्रों के सहयोग से आयोजित एक नवाचार उत्सव में डिज़ाइन थिंकिंग’ के महत्व पर और अधिक ज़ोर दिया गया। कक्षा छठी से ग्यारहवीं तक के छात्रों ने अभिनव परियोजनाओं को डिज़ाइन करके अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया, जिसमें एक यूनो बोर्ड,साउंड सेंसर, लेसर काउंटर एल.ई.डी, एक स्वचालित अग्निशामक यंत्र, एक टुओनो एयर कूलर,एक हाइड्रोलिक पार्किंग सिस्टम, एक तापमान सेंसर फैन सर्किट,अतिरिक्त बल्बों के साथ एक टॉर्च और एल.डी.आर के साथ स्मार्ट लाइट शामिल थे। इस दिन इस बात पर प्रकाश डाला गया कि सीखना मज़ेदार हो सकता है, और यह छात्रों के बीच बौद्धिक जिज्ञासा और शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित था। कॉसमॉस, स्पेस स्टोरी, व्हाट इफ द सन एक्सप्लोड? और आईएसएस एक्सप्लोरेशन जैसी डॉक्यूमेंट्री दिखाई गईं, जिससे छात्रों की अंतरिक्ष और विज्ञान की समझ को एक नई दिशा की ओर ले गई। कार्यक्रम का समापन आभार और तालियों की गूंज से हुई।