आसनसोल मंडल ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अनुपालन के क्रम में कविगुरु रवींद्रनाथ ठाकुर की जन्म जयंती समारोह मनाया
आसनसोल । पूर्व रेलवे के आसनसोल मंडल की ओर से मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के प्रांगण में भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने की स्मृति में मनाए जा रहे आजादी का अमृत महोत्सव के अंश के तौर पर कविगुरु रवींद्रनाथ ठाकुर की जन्म जयंती समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर परमानंद शर्मा, पूर्व रेलवे, मंडल रेल प्रबंधक/आसनसोल ने कविगुरु रवींद्रनाथ ठाकुर के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। एम.के. मीना, अपर मंडल रेल प्रबंधक-1, बी.के. त्रिपाठी, अपर मंडल रेल प्रबंधक-2 सहित मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के शाखा अधिकारी एवं कर्मचारियों ने भी कविगुरु रवींद्रनाथ ठाकुर के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। रवींद्र नाथ ठाकुर की जन्म जयंती प्रत्येक वर्ष बंगला कैलेंडर के प्रथम माह, वैशाख के 25वें दिन मनाया जाता है। उन्होंने 8 वर्ष की उम्र में ही कविताएं लिखनी शुरू कर दी थी और 16 वर्ष की आयु में उन्होंने अपने नाम से अपनी कृतियों को प्रकाशित करना शुरु कर दिया। एक प्रख्यात कवि दूरदृष्टि रखने वाले कलाकार, उपन्यासकार, संगीतकार और नाटककार रवींद्रनाथ टैगोर भारत में वरिष्ठतम साहित्य व्यक्तित्वों में से एक थे। साथ ही, एशिया के प्रथम ऐसे साहित्यकार थे, जिन्होंने 1913 में विश्व प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार भी प्राप्त किया। भारतीय साहित्य और संगीत के क्षेत्र में कवि गुरु रवींद्रनाथ ठाकुम के योगदानों के लिए धूमधाम के साथ रवींद्र जयंती मनाई जाती है। वे एक महान देशभक्त थे, जिन्होंने हमारे देश का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ की रचना की। 1915 में जॉर्ज पंचम द्वारा उन्हें नाइटहूड की उपाधि दी गई थी, परंतु जालियाँवाला बाग नरसंहार की घटना के बाद उन्होंने इसे लौटा दिया। उन्होंने शांतिनिकेतन, पश्चिम बंगाल में ‘विश्व भारती विश्वविद्यालय’ की स्थापना की।