जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती कृष्णा प्रसाद ने अनूठे तरीका से मनाया
आसनसोल । जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती शिल्पांचल के विशिष्ट समाजसेवी सह व्यवसायी व धार्मिक प्रवृत्ति के धनी कृष्णा प्रसाद ने अपने टीम के साथ अनूठे तरीका से मनाया। कल्ला इंडियन ऑयल के पास गौशाला में सबसे पहले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के तस्वीर पर कृष्णा प्रसाद ने माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। उसके बाद गौ माताओं को भोजन कराया। सैकड़ों गौ माताओं को अपने हाथों से भोजन कराया। वहीं गौशाला परिसर में पर्यावरण की रक्षा के लिए पौधा रोपण किया गया। इसके अलावा गौशाला में कार्य करने वाले कर्मियों के बीच साड़ी वितरण किए। मौके पर कृष्णा प्रसाद ने डॉ. श्यामा प्रसाद की 123वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करने के दौरान कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन भारत और भारतीयता के लिए समर्पित था। भारत की एकात्मता और अखंडता के लिए उनके द्वारा किए गए बलिदान को यह देश सदैव स्मरण करेगा। उन्होंने कहा कि वह भारत के उद्योग और खाद्य नीति के मार्गदर्शक थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचार को आगे बढ़ाया जा रहा है। कृष्णा प्रसाद ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सरकार से मतभेद उस समय भी देखने को मिले था, जब तत्कालीन नेहरू सरकार ने भारत के संविधान में जबरन अनुच्छेद 370 जोड़कर देश की संप्रभुता और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास किया था। उसका श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जमकर विरोध किया था। उस समय उन्होंने नारा दिया था एक देश के दो प्रधान, दो विधान और दो निशान नहीं चलेंगे। उन्होंने कहा कि भारत के प्रति डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की सोच को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व के प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। वर्ष1952-1953 से चली आ रही त्रासदी अनुच्छेद 370 को प्रधानमंत्री मोदी ने 5 अगस्त 2019 को समाप्त किया गया और जम्मू कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया। आज जम्मू और कश्मीर विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। कृष्णा प्रसाद ने कहा कि आइए हम सब मिलकर समाज, राष्ट्र एवं देश हित के लिए एक जुट होकर कार्य करे।