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रियल एस्टेट में खरीदारों को अनुचित बिल्डरों के दुर्व्यवहार से राहत प्रदान करता है रेरा – राजेश कुमार सिन्हा

आसनसोल । आसनसोल क्लब लिमिटेड के सभागार में शुक्रवार क्रेडाई आसनसोल की ओर से रेरा विषय पर सेमिनार आयोजित की गई। सेमिनार का उदघाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया। वहीं सेमिनार के मुख्य वक्ता पश्चिम बंगाल सरकार के आवास विभाग के प्रमुख सचिव आईएएस राजेश कुमार सिन्हा को सम्मानित किया गया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजेश कुमार सिन्हा ने कहा कि रेरा यानी रियल एस्टेट विनियम अधिनियम है। यह अधिनियम 2016 में घर खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए पेश किया गया था। उन्होंने कहा कि रेरा का मुख्य उद्देश्य खरीदारों को अनुचित बिल्डरों के दुर्व्यवहार से राहत प्रदान करना है। रेरा रियल एस्टेट के निर्माण और विकास के लिए कुछ मानदंड निर्दिष्ट करता है जो रियल एस्टेट क्षेत्र में लेनदेन में पारदर्शिता बढ़ाएगा। इसने घर खरीदारों को कई अधिकार प्रदान किए हैं और सभी बिल्डरों, डेवलपर्स द्वारा पालन किए जाने वाले कुछ नियम और विनियम भी निर्दिष्ट किए हैं। इसके अलावा, रेरा अधिनियम प्रत्येक राज्य के लिए एक रियल एस्टेट प्राधिकरण और अपीलीय न्यायाधिकरण के निर्माण को भी निर्दिष्ट करता है। बिल्डर, डेवलपर द्वारा किसी भी गलत काम के मामले में घर खरीदार भी इस प्राधिकरण को शिकायत दर्ज कर सकता है। यह कानून वाणिज्यिक और आवासीय में बिल्डरों को इस नए कानून की जानकारी दी गई और इस नए कानून के मकसद के बारे में भी अवगत कराया गया। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सहयोग से हुए इस कार्यक्रम के दौरान बिल्डरों को स्टेट बैंक अधिकारियों ने यह जानकारी भी दी कि किसी प्रोजेक्ट को पूरा करने में बैंक से उनको किस तरह की मदद मिल सकती है और उसके लिए बिल्डरों को क्या-क्या करना होगा। इस मौके पर क्रेडाई आसनसोल के अध्यक्ष सचिन राय ने कहा कि इस सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें सभी बिल्डरों को इस नए कानून के बारे में जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि यह नया कानून क्रेताओं के लिए काफी फायदेमंद होगा। अगर कोई बिल्डर समय पर क्रेता को घर बनाकर नहीं देता तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान इस नए कानून में है। इससे क्रेता की गाढ़ी कमाई का पैसा सुरक्षित रहेगा। पहले यह होता था कि कोई बिल्डर 3 साल बोलकर 5 साल 10 साल बाद क्रेता को घर सौंपता था, जिससे क्रेताओं को काफी परेशानी होती थी। लेकिन अब इस नए कानून से वैसा संभव नहीं हो पाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस नए कानून की वजह से जो संजीदा बिल्डर हैं, उनको भी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि यह नया कानून क्रेता और बिल्डर दोनों के फायदे के लिए बनाया गया है। इस मौके पर नियामक प्राधिकरण के अध्यक्ष संदीपन मुखोपाध्याय, विधि अधिकारी सोमा डे, आवास विभाग के संयुक्त सचिव देबाशीष घोष, क्रेडाई आसनसोल के सचिव बिनोद गुप्ता, एचएन मिश्रा, सोमनाथ विश्वाल, हरिनारायण अग्रवाल, शंकर चटर्जी, जगदीश बागड़ी, मीठू शर्मा, सतपाल सिंह कीर सहित अन्य मौजूद थे। सेमिनार का संचालन निखिलेश उपाध्याय ने किया।

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