सिम कार्ड के लगातार हो रहे हैं दुरुपयोग एवं फ्रॉड को देखते हुए खरीदारी और बिक्री परनए नियम होंगे लागू
सिम कार्ड के लिए अब ग्राहक आधार और पासपोर्ट की होगी गहन जांच
आसनसोल । आसनसोल बीएसएनल ऑफिस कन्यापुर के जनरल मैनेजर संजीव कुमार ने बताया कि भारतीय दूरसंचार विनियम प्राधिकरण ट्रीई का ऐसा कोई गाइडलाइन उन लोगों के पास नहीं आया है। लेकिन हम लोग सिम कार्ड को लेकर बहुत ही सतर्क होकर काम कर रहे हैं। सिम कार्ड से फ्रॉड और साइबर ठगी का मामला काफी ज्यादा बढ़ गया है। जिसे रोकथाम के लिए वे लोग पुलिस एवं साइबर सेल के साथ लगातार संपर्क बनाकर काम कर रहे हैं, जो दुकान पर सिम कार्ड बेचा जा रहा है। वह सब दुकान में भी वे लोग जाकर सभी सिम लेने वाले डॉक्यूमेंट की जांच करते हैं। उसके बाद अपने कंप्यूटर के माध्यम से किसी नंबर पर संदेह होने के कारण उसे नंबर को बंद करके उसे नंबर की डॉक्यूमेंट एवं लोगों का वेरिफिकेशन करते हैं। यह काम हमेशा बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। इसके बावजूद अगर भारतीय दूरसंचार विनियम प्राधिकरण ट्रीई से कुछ गाइडलाइन अगर उन लोगों को मिल जाए तो और भी वे लोग सर्तक होकर काम करेंगे। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण ट्रीई ने सिम कार्ड के लगातार हो रहे दुरुपयोग एवं फ्रॉड को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। खरीदारी और बिक्री करने वाले के लिए यह नियम बनाया गया है। यह नियम 10 अक्टूबर को लागू होने की संभावना है। इसके अनुसार अब सिम कार्ड कोई भी गाली गलौज पर नहीं भेज सकेंगे। इसके लिए लाइसेंस लेना होगा। इसकी प्रतिक्रिया भी कई होगी इससे आधार और पासपोर्ट की तरह प्रतिक्रिया से गुजरना होगा। इसमें पुलिस के अलावा फ्रेंचाइजी एजेंट और वेरिफिकेशन करना होगा। ट्राई में कई ऐसे सिस्टम है। इसका वेरिफिकेशन शामिल है। इसके डिस्ट्रीब्यूटर को भी पुलिस सितंबर के बाद बिना रजिस्ट्रेशन सिम बेचने पर 10 लख रुपए तक की जुर्माना लगाने की प्रावधान किया गया है। ट्राई की तरफ से एक यूनिक पी ओ एम आईडी जारी किया जाएगा। वही वैद्य पीओएम आइडी वाले विक्रेता कस्टमर का इनरोलमेंट कर पाएंगे अगर सिम कार्ड विक्रेता नियम का उल्लंघन करते हुए पाए जाते हैं तो उनकी आईडी को बंद कर दिया जाएगा। 24 घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया जाएगा
देने होंगे यह डॉक्यूमेंट
टेलीकॉम ऑपरेट पॉइंट ऑफ सेल के रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन की जांच करनी होगी। वेरिफिकेशन के लिए सिम विक्रेता को कॉरपोरेट आईडेंटिटी नंबर और बिजनेस लाइसेंस के साथ आधार और पासपोर्ट की डीटेल्स देनी होगी। वॉकिंग लोकल पता की जानकारी भी देनी होगी। सिम विक्रेता को केवाईसी जैसे बायोमेट्रिक डिटेल्स भी देनी होगी। इसके बाद टेलीकॉम ऑपरेट और पी ओ एम एक लिखित समझौता पर हस्ताक्षर करेंगे। इससे कस्टमर एनरोलमेंट एरिया ऑफ ऑपरेशन और नियम के उल्लंघन पर क्या एक्शन लिया गया। उसकी जानकारी भी दर्ज होगी।