विश्व आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर जी ने श्री श्री अकैडमी स्कूल के विद्या धारा कार्यक्रम को संबोधित किया
आसनसोल । आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक एवं विश्व भर में शांति दूत के रूप में विख्यात श्री श्री रविशंकर जी पश्चिम बर्दवान जिला की स्कूल श्री श्री अकैडमी आसनसोल में सोमवार को पधारे जहां उनका शंख ध्वनि के साथ भव्य स्वागत हुआ। भक्तों की भीड़ उनके दर्शन पाकर धन्य हो गई और जय जय कार करने लगी। गुरुदेव ने स्कूल का निरक्षण किया और बच्चों व शिक्षकों को संबोधित किया। बच्चों ने उनके सम्मान में एक रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया।पश्चिम बंगाल के सुप्रसिद्ध समाजसेवी एवं उद्योगपति सुभाष अग्रवाला के साथ मैनेजिंग कमेटी के शदस्य बसंत बनर्जी, विकास जीवराजका, निरंजन अग्रवाला, सीमा अग्रवाला, सुशील डोकनिया, रोहित पोद्दार, अभिषेक खेमका के साथ आर्ट ऑफ़ लिविंग के महत्वपूर्ण सदस्यों ने गुरुदेव का स्वागत किया।विश्व विख्यात एवं अध्यात्म के महान आदर्श एवं वह जिनका सबसे ज्यादा लोग अनुसरण करते हैं, कई वर्षों के पश्चात असंसोल पधारे। वे विद्या धारा कार्यक्रम में सम्मलित हुए और दर्शकों को संबोधित किए।श्री श्री रविशंकर जी के द्वारा हिंसा मुक्त एवं तनाव मुक्त समाज के दृष्टिकोण ने 50 करोड़ से ज्यादा लोगों को लाभान्वित किया हैं, मानव मूल्यों को जगा कर उन्हें विश्व को एक बेहतर स्थान बनाने हेतु काम करने के लिए प्रेरित किया है और समाज में धार्मिक ,सामाजिक, वैचारिक और आर्थिक मतभेदों को मिटाने में लगातार कार्यरत्त है। गुरु जी ने मानवतावादी अभियानों जैसे महिला सशक्तिकरण, कश्मीर, उत्तर पूर्व राज्यों और कोसावो, कोलंबिया, इराक जैसे देशों में विवाद समाधान आपदा एवं मानसिक आघात में राहत कार्य, कैदियों का पूर्णवास, गांव में सत्तत विकास और सभी को शिक्षा के लिए प्रेरित किया। राज्य में प्राकृतिक खेती, नशा मुक्ति एवं कौशल विकास कार्यक्रम जैसा प्रोजेक्ट भी चलाए जा रहे हैं। श्री श्री अकैडमी असंसोल के मुख्य संरक्षक, सुभाष अग्रवाला ने कहा कि गुरु जी के आवागमन को लेकर भक्तों में कई दिनों से काफी उत्साह देखा गया। भक्तों को किसी तरह की असुविधा ना हो इसका ध्यान रखा गया। वीवीआईपी एवं अन्य गेट लोगों को अंदर प्रवेश करने के लिए बनाए गए। भक्तों में प्रसाद वितरण किया गया। भक्तों को मंत्रमुग्ध करने वाला सत्संग का भी आयोजन किया गया । श्री श्री अकादेमी आने वाले समय में शिक्षा प्रदान करने में मील का पत्थर साबित होगा जिसमें बच्चों का सर्वांगीण विकास होगा।