सिंदूर खेला के साथ घट और डोला का हुआ विसर्जन
आसनसोल । आसनसोल ग्राम की दुर्गा पूजा पूरे आसनसोल ही नहीं पूरे जिले में विख्यात है लगभग 300 वर्षों से भी ज्यादा समय से यहां पर पारंपरिक रीति रिवाज का अनुसरण करते हुए दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता रहा है। आज यहां पर दुर्गा पूजा के रीति-रिवाजों का पालन करते हुए घट और डोला विसर्जन हुआ। इसके पूर्व ग्राम की महिला और पुरुष सिंदूर खेला किए। इस मौके पर यहां आसनसोल ग्राम इलाके की महिला पुरुष बच्चे शामिल हुए। यहां पर गाजे बाजे ढाक की धुन पर नाचते गाते श्रद्धालु आगे बढ़े और पूरे रीती रिवाजों का पालन करते हुए डोला और घट विसर्जन किया गया। आप को बता दें कि आसनसोल ग्राम इलाके में लगभग 300 वर्षों से पारंपरिक रूप से पूजा का आयोजन किया जाता रहा है। यहां पर 9 दुर्गा प्रतिमाओं की पूजा होती है। मूर्ति विसर्जन के दौरान रामसाएर मैदान के पास तालाब के किनारे आतिशबाजी भी होती है। आज डोला और घट विसर्जन के दौरान आसनसोल ग्राम के श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक था। हालांकि सबके मन में एक कसक भी थी कि इस साल के लिए दुर्गा पूजा का समापन हो गया हालांकि सबके मन में इंतजार भी था कि अगले साल मां दुर्गा का फिर से आगमन होगा।