शरद पूर्णिमा पर करें ये उपाय, रोग-व्याधि से होंगे मुक्त, मिलेगा धन संपदा का आशीर्वाद
कोलकाता । हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। शरद पूर्णिमा को जागृत पूर्णिमा भी कहा जाता है। पंचांग के अनुसार कल यानी 19 अक्टूबर को अश्विन मास की पूर्णिमा अर्थात शरद पूर्णिमा है। इस दिन मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता और उसके बाद चांद दर्शन किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इससे धन-धान्य की प्राप्ति होती है और काया निरोगी रहती है। इस दिन ये उपाय जरूर करें. इससे कई प्रकार के लाभ होते हैं…
करें ये उपाय –
धार्मिक मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की रोशनी में बैठने से लोगों को सभी शारीरिक रोगों से मुक्ति मिलती है। जिन्हें सांस संबंधी बीमारी है उन्हें भी लाभ होता है।
आयुर्वेद के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की रोशनी अमृत समान होती है। शरद पूर्णिमा की रात्रि में चंद्र दर्शन करने और चंद्रमा का त्राटक करने से नेत्र संबंधी सारे रोग दूर होते हैं
शरद पूर्णिमा को कुमार पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से कुवांरी लड़कियों को मनचाहा और सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है।
शरद पूर्णिमा को दूध और चावल की खीर बनाकर रात में चंद्रमा की रोशनी में रखें। उसके अगले दिन इसे ग्रहण करें।मान्यता है कि ऐसा करने से रोग प्रतिरोधकता में वृद्धि होती है।
कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी का प्रादुर्भाव हुआ था। इस दिन रात्रि में जागरण करने और मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान उन्हें गुलाबी रंग के फूल और इत्र, सुंगध अवश्य अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इससे घर धन-धान्य से भर जाता है।