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आखिरकार एनजेसीएस की बैठक में बन ही गई दोनों पक्षों में सहमति


26.5 फीसदी पर्क्स, 13 फीसदी एमजीबी
आसनसोल । आखिरकार स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड( सेल ) के विभिन्न प्लांटो में कार्यरत हजारों कर्मचारियों के वेतन समझौते को गुरुवार को मंजूरी मिल गई। नेशनल ज्वाइंट कमिटी फॉर द स्टील इंडस्ट्री (एनजेसीएस) की बैठक शुक्रवार को नई दिल्ली के अशोका होटल में हुई। वेतन समझौते को लेकर एनजेसीएस की 292वीं बैठक थी। दोनों पक्षों के बीच पहले से ही मिनिमम गारंटी बेनिफिट (एमजीबी) 13फीसदी पर सहमति बन चुकी थी। काफी गहमा गहमी के बीच 26.5 फीसदी पर दोनों पक्षों की सहमति जता दी। सनद रहे कि वेतन समझौता पहली 1 जनवरी 2017 से प्रभावित होगा लेकिन एरियर 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी होगा। समझौता अवधि 10 वर्ष की होगी। इस समझौते के बाद कर्मचारियों ने एरियर को लेकर आकलन शुरू कर दिया है। बैठक में यूनियन प्रतिनिधियों ने पर्क्स में 28 फ़ीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया। प्रबंधन की ओर से 22 फीसदी से चर्चा शुरू हुई। पहले हुई बैठक में प्रबंधन ने के अड़ियल रुख के कारण मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई थी। वेतन समझौता न होने से इस्पात कर्मियों में आक्रोश बढ़ गया था। बीते 58 महीने से समझौता बकाया था। सेल के भीतरी सूत्रों की मानें तो समझौते पर मुहर लग सकती है। प्रबंधन भी चाह रहा था कि जल्द से जल्द समझौता हो क्योंकि अधिकारियों का भी समझौता इसके कारण लटका हुआ है। बीते 4 व 5 अक्टूबर को एनजेसीएस कोर ग्रुप बैठक में पर्क्स को लेकर प्रबंधन 20 फ़ीसदी पर ही अड़ा रहा। वहीं सभी यूनियन ने 30 फ़ीसदी की मांग करती रही। प्रबंधन का कहना है कि एरियर अप्रैल 2020 से दिया जाएगा। वहीं पेंशन फंड में 9 फीसदी योगदान को लेकर भी जीद बनने पर ग्रेजुएटी के सीलिंग को लेकर प्रस्ताव दिया गया। बीएमएस ने कहा कि पहले अधिकारियों का समझौता कर लें फिर कर्मियों का करें। दोपहर में 2:30 बजे से शुरू हुई बैठक के अंत तक हालांकि इंटक, एटक एवं एचएमएस ने 26.5 फीसदी पर्क्स पर सहमति जताई। जबकि सीटू एवं बीएमएस ने 27 फीसदी को लेकर अपना रुख बनाए रखा। इन दोनों के विरोध को दर्ज करते हुए समझौते पर दोनों पक्षों ने हस्ताक्षर कर दिया। समझौते के साथ ही हजारों सेल कर्मियों का 58 महीने का इंतजार खत्म हुआ। गौरतलब है कि अधिकारी एवं कर्मचारी संवर्ग का पे रिवीजन एक जनवरी 2017 से लंबित था। वही रिवीजन के विलंब होने से कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा था। यूनियन के प्रति कर्मियों में नाराजगी थी। विभिन्न सोशल मीडिया पर सेल के कर्मचारी अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। कर्मियों का कहना है कि जब कोरोना संकट में सारे देश में लॉकडाउन था। उस समय भी इस्पात कर्मियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया और कंपनी फायदे में होने के बावजूद वेतन समझौता करने में आनाकानी की जा रही है

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