दलित पिछड़ों का विकास तरक्की मंदिर में घंटी बजाने से नहीं स्कूल कॉलेज में घंटा बजाने से होगा – नंद बिहारी यादव
आसनसोल । आसनसोल रेलपार धादका रोड स्थित कुशवाहा भवन में अर्जक महासंघ अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की एक सभा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि स्वरूप बोलते हुए आसनसोल कोयलांचल के जाने-माने वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाजवादी नेता नंद बिहारी यादव ने दलित एवं पिछड़े समाज के विकास के लिए मनुवाद मनु संस्कृति और ब्राह्मणवाद है। श्री यादव ने कहा कि दलितों पिछड़ा वर्ग का विकास तभी संभव होगा जिस में शिक्षा का विकास होगा और बिना शिक्षा का विकास किए हुए ज्ञान और विज्ञान का प्रसार नहीं होगा। उन्होंने कहा कि दलित और पिछड़े वर्ग को अपने विकास के लिए मंदिर का घंटा बजाना छोड़ कर विद्यालय कॉलेज और यूनिवर्सिटी का घंटी बजाना होगा। दलित और पिछड़े समाज का बिछड़ने का मुख्य कारण है मनुवाद की चपेट में फंसे रहना और ब्राह्मणवाद के ढोंग पाखंड आडंबर और भ्रम है। अगर दलित और पिछड़े का समुचित विकास चाहते है तो मनु संस्कृति मनुवाद ढोंग पाखंड पर आधारित पूजा-पाठ को ठुकराना होगा। मंदिरों में जाकर कांवर लेकर जल चढ़ाने की प्रक्रिया बंद करनी होगी और आपको अपने बच्चों पीढ़ियों को स्कूल कालेज इंवर्सिटी भेजना होगा। बिना शिक्षा का आप का विकास नहीं हो सकता है। उन्होंने खुले तौर पर दलित और पिछड़े समाज को मंदिर और मठ में जाने पर पाबंदी लगाने की मांग की और उन्हें मंदिर का घंटा बजाना छोड़ कर विद्यालय स्कूल कॉलेज और यूनिवर्सिटी का दरवाजा खटखटाने और घंटी बजाने को कहा। उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर शिक्षा के बदौलत ही भारत के सबसे बड़े महान व्यक्तित्व और विद्वान साबित हुए और उन्होंने अपने ज्ञान और विज्ञान के बल पर भारत के संविधान की रचना की जो आज दलित और पिछड़ों को मौलिक अधिकार दिया। कार्यक्रम का संचालन एवं संयोजन रामसागर प्रसाद बामसेफ ने किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रजक महासंघ बिहार प्रदेश के अध्यक्ष अरुण कुमार गुप्ता, प्रभुनाथ हरिजन, रेलवे एससी एसटी ओबीसी कर्मचारी संघ के नेता एन बी यादव, बीएन चौधरी, गणेश यादव, नरेश कुशवाहा तथा कुशवाहा समाज के कई नेता सदस्य एवं अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग संगठन के बहुत से कार्यकर्ता उपस्थित थे।