मोहल्ले में पाठशाला के फैसले के विरोध में आसनसोल के महिला कल्याण स्कूल की छात्राओं के अभिभावकों ने किया प्रदर्शन
आसनसोल । कोरोना संक्रमण के कारण बीते 2 सालों से पूरे राज्य में स्कूल बंद है। कक्षा 9 से लेकर 12 तक की पढ़ाई लिखाई शुरू की गई थी। लेकिन कोरोना के तीसरे लहर को देखते हुए स्कूलों को फिर से बंद कर दिया गया है। वहीं प्राथमिक स्कूल बीते 2 सालों से पूरी तरह से बंद है। ऐसे में विद्यार्थियों को हो रही परेशानी को देखते हुए हाल ही में राज्य के शिक्षा मंत्री ने घोषणा की थी कि अब से मोहल्ले में पाठशाला लगाकर बच्चों की शिक्षा को जारी रखी जाएगी लेकिन आज आसनसोल के महिला कल्याण स्कूल की विद्यार्थियों के अभिभावकों ने राज्य के शिक्षा मंत्री के इस फैसले का विरोध करते हुए स्कूल के गेट के सामने विक्षोभ प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि अगर मोहल्ले में पाठशाला के दौरान कोरोना नहीं फैलेगा तो स्कूलों में पठन-पाठन के दौरान कोरोना कैसे फैल सकता है।कोरोना स्कूलों में आ सकता है तो मोहल्ले में पाठशाला लगाकर जो पढ़ाई लिखाई की जाएगी। वहां भी कोरोना का डर बना रहेगा। इन अभिभावकों का कहना है कि वह अपनी छोटी-छोटी बच्चियों को किसी खुले मैदान में बैठकर पढ़ाई लिखाई करने की अनुमति नहीं देंगे। क्योंकि इससे इनके लिए कई तरह की समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि अगर पठन-पाठन करना ही है तो वह स्कूल में करना होगा इन अभिभावकों का कहना है कि वह इस फैसले को स्वीकार नहीं करते और वह आने वाले 7 तारीख से मोहल्ले में पाठशाला में जो पठन-पाठन शुरू होगी उसमें अपनी बच्चियों को नहीं भेजेंगे। उन्होंने कहा कि अगर इनकी बच्चियों को स्कूल के बजाय खुले मैदान में पढ़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे।