शिल्पांचल में धूमधाम से मां विपद तारिणी पूजा का किया गया आयोजन
आसनसोल । पूरे शिल्पांचल में धूमधाम से मां विपद तारिणी पूजा का आयोजन किया गया। मां का बिपत्तारिणी मां दुर्गा का ही एक रूप है। इस पूजा से संबंधित एक पौराणिक कथा के बारे में बताते हुए मृत्युंजय मुखर्जी ने बताया कि सतयुग में एक राजा हुआ करते थे। उनकी रानी की दोस्ती एक मौसी के साथ थी। वह मौसी गौ मांस का इस्तेमाल किया करता था। रानी को भी गौ मांस को लेकर उत्सुकता हुई तो उन्होंने मौसी से गौ मांस राजमहल में मंगवाया। लेकिन राजा के दरबान ने यह देख लिया और राजा को इसकी खबर दे दी। इस बात से रानी बेहद डर गई और उन्होंने मां दुर्गा से प्रार्थना की कि उन्हें इस आपदा से तारण करें। मां को रानी पर दया आ गई और उन्होंने कहा कि उनकी थाली में जो भी है। वह फल फूल और मिठाई बन जाएंगे। उसके बाद से विपद तारिणी पूजा शुरू हुई। आसनसोल के विभिन्न जगहों पर घुमधाम में मनाया गया। सुबह से विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालु की भीड़ देखी गई।