आसनसोल इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट पॉलिटेक्निक और नर्सिंग इंस्टिट्यूट ऑफ आसनसोल में सिर्फ शिल्पांचल नहीं पूरे बंगाल, झारखंड के युवाओं का होता है भविष्य निर्माण – समाजसेवी सह व्यवसायी एचएन मिश्रा
आसनसोल । शिल्पांचल के विशिष्ट समाजसेवी सह उद्योगपति एचएन मिश्रा ने लोगों के लिए एक अच्छे आशियाने की कल्पना के साथ-साथ समाज को शिक्षा के क्षेत्र में आगे ले जाने का एक स्वस्थ माहौल और अनुशासित समाज बनाने का फैसला लिया था। अपने सपनों को साकार करने के उद्देश्य से उन्होंने मिश्रा एसोसिएट डेवलपमेंट कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना वर्ष 1989 में की थी। वहीं उन्होंने एक स्वस्थ माहौल और अनुशासित समाज बनाने के उद्देश्य से डिप्लोमा इंजीनियरिंग कॉलेज बनाने का फैसला लिया। वर्ष 2013 के 12 अगस्त इस संस्थान की नींव रखी गई। इस मौके पर राज्य के कानून मंत्री मलय घटक, एडीडीए के चैयरमैन सह विधायक तापस बनर्जी, निगम के चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी, आसनसोल रामकृष्ण मिशन के महाराज सहित अन्य गण्यमान्य व्यक्ति बतौर अतिथि उपस्थित थे। इस संस्थान का नाम आसनसोल इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट पॉलिटेक्निक रखा गया। यह संस्थान एआईसीटीई तथा स्टेट काउंसिल के अनुसार बनाया गया। यहां उच्चस्तरीय मूलभूत ढांचा का प्रबंध किया गया। इसके अलावा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए और भी कई इंतजाम किए गए। संस्थान के पहले वर्ष में 5 विषयों की पढ़ाई कराई गई। मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी तथा इलेक्ट्रॉनिक्स टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग इसके साथ बाद में माइनिंग इंजीनियरिंग को भी जोड़ा गया। इस शिक्षण संस्थान के निर्माण के पीछे जिस एक और व्यक्ति का प्रमुख योगदान रहा वह डॉ. लीशा मिश्रा जो कि इस संस्थान के कर्णधार एचएन मिश्र की पत्नी है। वह एक अन्य शिक्षण संस्थान में 12 साल तक सीएसई विषय की अध्यापिका रह चुकी थी। इस संस्थान में उन्होंने प्रिंसिपल पद को संभाला। उन्होंने हमेशा समाज को शिक्षा गत तरीके से आगे ले जाने के बारे में सोचा, जिससे कि समाज सुशिक्षित हो सके और इसके लिए उन्होंने अनुभवी शिक्षक शिक्षिकाओं को जोड़ा। यहां ट्रेनिंग के साथ जो कंपनियां जोड़ी है वह है सीएलडब्ल्यू, ईसीएल, टाटा पावर, पीडब्ल्यूडी, सेल, अरडेंट, डीवीसी आदि और टाटा पावर टेक महिंद्रा, एआईजी, इंफोसिस जय हिंद, लालबाबा, मंडो, रिलायंस, कैप्जमिनी आदि कंपनियां यहां के विद्यार्थियों को नियुक्ति देती है। इस संस्थान में शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद और अनुशासन पर भी जोर दिया जाता है। हर एक विद्यार्थी के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए यह संस्थान आगे बढ़ता जा रहा है। इस संस्थान के कर्णधार एचएन मिश्रा ने कोरोना के समय जो परिस्थितियां उत्पन्न हुई थी। उसे लेकर समाज में चिकित्सा के क्षेत्र में कुछ करने का मन बनाया। चिकित्सकों के साथ जो अन्य चिकित्सा कर्मी जुड़े रहते हैं उनका भी समाज के प्रति बहुत बड़ा योगदान रहता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने नर्सिंग कॉलेज की स्थापना की जिससे कि पश्चिम बंगाल की लड़कियों को शिक्षा के क्षेत्र में किसी प्रकार की कोई कमी न हो। नर्सिंग कॉलेज का नाम मिश्रा नर्सिंग इंस्टिट्यूट ऑफ आसनसोल रखा गया। यह कॉलेज इंडियन नर्सिंग काउंसिल और वेस्ट बेंगल नर्सिंग काउंसिल द्वारा स्वीकृत है। वेस्ट बेंगल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस से एफिलिएटिड है और ईस्टर्न इंडिया एजुकेशन ट्रस्ट के अधीन है। यहां दो विषयों की पढ़ाई की जाती है। बीएससी इन नर्सिंग और जीएनएम बीएससी नर्सिंग जो की 4 साल का अंडर ग्रैजुएट कोर्स है। जबकि जीएनएम 3 साल का डिप्लोमा कोर्स है। बीएससी पढ़ने के लिए न्यूनतम आयु 17 वर्ष और उच्चतम आयु 35 वर्ष होनी चाहिए।इस कोर्स में भर्ती के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी लेकर उच्च माध्यमिक उतीर्ण होना पड़ता है और इंग्लिश में भी 45 फीसदी से ज्यादा अंक लाने पड़ते हैं। हालाकी एससी/एसटी, ओबीसी बीपीडब्लूडी प्रत्याशियों के लिए यह 40 फीसदी है। वहीं जीएनएम की पढ़ाई करने के लिए न्यूनतम उम्र 17 वर्ष सबसे ज्यादा उम्र 35 वर्ष है। यहां भी उच्च माध्यमिक उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इस संस्थान में उच्च स्तरीय मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। यहां व्यवस्थित क्लासरूम लेक्चर हॉल, लेबोरेटरी आदि की सुविधा है। यहां पर पढ़ने वाले विद्यार्थियों को एडवांस नर्सिंग का प्रशिक्षण दिया जाता है। यहां आडिओ, विशूअल लैब, कम्युनिटी हेल्थ नर्सिंग कंप्यूटर लैब, नर्सिंग फाउंडेशन लैब, न्यूट्रीशन लैब, पेडियाट्रिक लैब, फ्री क्रिटिकल साइंस लैब, कैफिटेरिया क्लीनिकल ट्रेनिंग के साथ-साथ यातायात की भी अच्छी सुविधा है। यहां पर विद्यार्थियों को कई तरह के खेलकूद खेलने का भी अवसर मिलता है। त्योहारों को मनाने का भी अवसर प्रदान किया जाता है। पॉलिटेक्निक और नर्सिंग इन दोनों संस्थानों में विद्यार्थियों को एक विशेष सुविधा प्रदान की जाती है। वह है स्कॉलरशिप एससी, एसटी, ओबीसी विद्यार्थियों के लिए स्कॉलरशिप की व्यवस्था है। इसके साथ ही स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, स्वामी विवेकानंद मेरिट कम मेंस, अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के लिए एकश्री सहित और भी स्कॉलरशिप प्रदान किए जाते हैं। कहा जा सकता है कि आसनसोल के काली पहाड़ी इलाके के बागबंदी रोड पर राधा स्वामी सत्संग के पास मां घाघर बुरी मंदिर के पास बनें दोनों संस्थान सिर्फ शिल्पांचल नहीं पूरे बंगाल और झारखंड के युवाओं के भविष्य के निर्माण में लगे हुए हैं।