टीचर इंचार्ज सह वार्ड एजुकेशन हेल्थ कमिटी के सचिव पर सरकारी रुपया गबन करने का आरोप पार्षद ने लगाया
आसनसोल । आसनसोल नगर निगम के 23 नंबर वार्ड की पार्षद सीके रेशमा रामाकृष्णन ने बाबू तालाब फ्री प्राइमरी स्कूल के टीचर इंचार्ज सहित 23 नंबर वार्ड के वार्ड एजुकेशन हेल्थ कमिटी के सचिव मोहम्मद सईद आलम कादरी पर सरकारी पैसे के गबन का आरोप लगाया है। सीके रेशमा रामाकृष्णन इस कमेटी के अध्यक्ष है। उन्होंने बताया कि उनके वार्ड में तीन स्कूल है। वार्ड एजुकेशन एंड हेल्थ कमिटी के लिए कंपोजिट ग्रांट लाइब्रेरी ग्रांट टीएलएम ग्रांट सहित सभी सरकारी अनुदान इस कमेटी के नाम से खोले गए। सारा रुपया अकाउंट में जमा होता है। उन्होंने कहा कि वह और सचिव दोनों ही हस्ताक्षर करके उसे अकाउंट से पैसे निकाल सकते है। अरशद ने कहा कि उनके वार्ड के तीनों स्कूल के प्रभारी बैठक करते हैं और स्कूल द्वारा पिछले अनुदान का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट देखकर आगे की राशि स्कूलों का उपलब्ध कराई जाती है। 11 तारीख को ऐसे ही एक बैठक हुई थी। इस बीच सरकारी अनुदान आ चुकी थी। तीनों स्कूलों के लिए टीएम ग्रांट 9000 रुपया हर एक स्कूल के लिए तथा अन्य मद में दो स्कूलों के लिए 36000 रुपया करके और एक स्कूल के लिए 22000 रुपया का ग्रांट आया था। पार्षद ने कहा कि इस तरह से तीनों स्कूलों को चेक काट कर दे दिए गए। अगले दिन जब एक अन्य स्कूलों के टीचर इंचार्ज अनुदान की राशि बैंक से निकलने बैंक गए तो वहां के अधिकारी ने उन्हें बताया कि उनका 36000 रुपया अनुदान के रूप में मिले हैं।
लेकिन मोहम्मद सईद आलम कादरी के स्कूल को 2 लाख 36000 रुपया मिले है। इस बात की जानकारी होने पर उसे स्कूल के टीचर इंचार्ज ने सीके रेशमा रामाकृष्णन से फोन पर संपर्क किया। इस बात की जानकारी होने पर सीके रेशमा को संदेह हुआ तो उन्होंने मोहम्मद शाहिद आलम कादरी को संपर्क किया और उनसे बैंक का पासबुक मंगवाया। क्योंकि सचिव होने के नाते बैंक का पासबुक, चेक बुक, रेजोल्यूशन खाता सब कुछ उन्हीं के पास रहता था। पार्षद से यह फोन पकड़ मोहम्मद शाहिद आलम कादरी ने कहा कि पासबुक घर पर है। इस पर पार्षद ने उन्हें कहा कि ठीक है वह घर से मंगवा कर उनको दे जाएं। थोड़ी देर बाद जब उन्होंने फिर से उन्हें फोन किया और कहा कि वह उनके घर के नीचे हैं तो सीके रेशमा रामाकृष्णन ने कहा कि वह अभी बाहर है। पासबुक सुरक्षा कर्मी को दे दें। इसके बाद जब उन्होंने पासबुक की जांच की उनको कुछ संदेह हुआ। पहले एसआई ऑफिस से इस चिट्ठी आई थी। लेकिन अब व्हाट्सएप पर मैसेज आता है। संदेह होने पर बैंक जाकर पासबुक को अपडेट कराया गया तो पता चला कि 36000 रुपए के बदले मोहम्मद शाहिद आलम कादरी ने 2 लाख 36000 रुपया बैंक से निकले है। 9000 रुपया के बदले 29000 रुपए निकाले गए है। इसके बाद जब उन्होंने बैंक में और ज्यादा पड़ताल की तो पता चला कि उन्होंने जून तथा जुलाई महीने में भी बिना कमेटी को बताएं पैसे निकाले है। इसके पहले भी उन्होंने चेक में धांधली की है। उन्होंने बताया कि उन्होंने इन सब मामले की जानकारी मंत्री मलय घटक, मेयर विधान उपाध्याय तथा अशोक रूद्र सहित एसआई ऑफिस को भी दे दी है। पार्षद ने बताया कि इसके उपरांत उन्होंने मोहम्मद शाहिद आलम कादरी को एक बार फिर से फोन किया तो उन्होंने परोक्ष रूप से अपनी गलती मानते हुए उनसे मिलने के लिए अनुरोध किया। लेकिन सभी ने उनको यह कहकर कादरी से मिलने से मना किया कि गबन छोटा या बड़ा नहीं होता है। सरकारी पैसे का गबन बेहद गंभीर मामला है। इसलिए उन्होंने आरोपी मोहम्मद सईद आलम कादरी के खिलाफ आसनसोल उत्तर थाना में एफआईआर दर्ज करा दी है।