बैंक ऑफ इंडिया से बीमा के नाम पर ठगी का आरोप, 10 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी
जामुड़िया । जामुड़िया थाना अंतर्गत बैंक ऑफ इंडिया के सुध लाइफ इंश्योरेंस कंपनी एक महिला कर्मी को बीमा के नाम पर 10 लाख रुपया ठगी का आरोप लगाया गया। इसे लेकर रविवार दोपहर लगभग 12 बजे ग्राहकों ने बैंक ऑफ इंडिया कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया। सूचना पाकर मौके पर पुलिस पहुंची और महिला कर्मी व बैंक मैनेजर को थाना लेकर आई। लेकिन लोगों ने कोई शिकायत नहीं की। महिला एजेंट ने चार लोगों के 2 लाख रुपया लौटाने पर राजी हुई और बाकी रुपए बाद में लौटने का आश्वासन दिया। जिसके बाद आपसी समझौते से मामले का रफा दफा किया गया। बीमा के लिए ग्राहकों ने कहा कि उन्होंने बैंक ऑफ इंडिया में बीमा करवाया था। वे जानते हैं कि यह बैंक ऑफ इंडिया का अपना बीमा है। मोटी रकम लेने के बाद उन्हें कच्चे कागज पर रसीद कॉपी दी जाती है। जब वे लोग बैंक में पूछने गए तो उन्हें बार-बार लौटा दिया गया। वे रविवार बैंक गये और मामले की जानकारी ली। वहां जाकर देखा तो उनके जैसे लगभग 20 से 30 ग्राहकों के साथ ठगी हुई है। जामुड़िया शाखा बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक राजदीप डे ने कहा कि सूद लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के साथ उनका समझौता है। ऐसे में ग्राहकों को बीमा मुहैया कराया जाता है। लेकिन उन्हें शिकायत मिली है कि आरोपी महुआ मुखर्जी ने अपनी फर्जी रसीदें छपवाकर कई ग्राहकों से नकद पैसे लिए हैं। बैंक में जमा पैसा सुरक्षित है। लेकिन नकद में लेनदेन के लिए बैंक की कोई ज़िम्मेदारी नहीं है। बीमा कंपनी सूद लाइफ इंश्योरेंस के वरिष्ठ अधिकारी तन्मय मुखर्जी ने कहा कि भारत के हर बैंक में उनके प्रतिनिधि हैं। लेकिन जिस तरह से उनकी प्रतिनिधि महुआ ने ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी की है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी। महुआ ने फर्जी रसीद और मुहर लगाकर ग्राहकों से 10 लाख से अधिक की रकम निकाल ली। जो कि पूरी तरह से बैंक नियमों से बाहर है। सूद लाइफ इंश्योरेंस कंपनी इसकी पूरी जांच करेगी कि यह घटना कैसे घटी। लेकिन ग्राहकों की शिकायत थी कि वे बैंक ऑफ इंडिया गए और बीमा कराया। उनके लिए यह जानना संभव नहीं है कि कौन बैंक कर्मचारी है और कौन बीमा कर्मचारी है। प्रदर्शनकारियों ने सवाल उठाया कि ऐसी संस्था के कर्मचारियों को बैंक के अंदर कार्यालय खोलने की अनुमति कैसे दी गई।