प्रधानमंत्री पूरे देश में 2000 से अधिक स्थानों पर 85,000 करोड़ रुपया से अधिक की विभिन्न रेलवे परियोजनाओं का शिलान्यास/समर्पण करेंगे
आसनसोल । आसनसोल रेल मंडल/पूर्व रेलवे के चेतना नंद सिंह, मंडल रेल प्रबंधक ने आशीष भारद्वाज अपर मंडल रेल प्रबंधक/आसनसोल और अन्य शाखा अधिकारियों की उपस्थिति में 12 मार्च, 2024 से भारतीय रेलवे के आगामी मेगा इवेंट का अनावरण करने के लिए सोमवार आसनसोल स्टेशन के प्रीमियम लाउंज में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जिसका उद्देश्य रेल की बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी में क्रांति लाना है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, मंडल रेल प्रबंधक/आसनसोल ने असामान्य वर्गों के कारीगरों को अतिरिक्त आय के अवसर प्रदान करने में ‘वन स्टेशन वन प्रोडक्ट’ (ओएसओपी) स्टालों के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। कुल 29 ओएसओपी स्टॉल स्थानीय कारीगरों के लिए रेलवे स्टेशनों पर अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने और बेचने के लिए एक मंच के रूप में काम करेंगे, जिससे उन्हें बड़े शहरों में जाकर काम करने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। ओएसओपी स्टॉल स्थापित करके रेलवे स्थानीय उत्पादों और क्षेत्र की समृद्ध विरासत को बढ़ावा देने की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे यात्रियों को विश्वसनीय/सही स्थानीय वस्तुओं का अनुभव करने और खरीदने का मौका मिलेगा। श्री सिंह, मंडल रेल प्रबंधक /आसनसोल ने इस मेगा इवेंट के दौरान आसनसोल मंडल में थापरनगर गति शक्ति कार्गो टर्मिनल के समर्पण से लॉजिस्टिक्स में हुई महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला। यह टर्मिनल परिवहन नेटवर्क को मजबूत करने और पूरे क्षेत्र में माल की आवाजाही को सुव्यवस्थित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस टर्मिनल के कई फायदे हैं, जिनमें कार्गो हैंडलिंग में बढ़ी हुई दक्षता, पारगमन समय कम होना और औद्योगिक केंद्रों और बाजारों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी शामिल है। श्री चेतना नंद सिंह, मंडल रेल प्रबंधक/आसनसोल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 12.03.2024 को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा हरी झंडी दिखाई जाने वाली ट्रेन के बारे में भी उल्लेख किया। माननीय प्रधानमंत्री द्वारा हरी झंडी दिखाई जाने वाली यह नई ट्रेन आसनसोल-हटिया एक्सप्रेस गिरिडीह मार्ग से विस्टाडोम कोच के साथ चलेगी ताकि यात्री ऐसे कोच में यात्रा करते समय प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकें। देवघर में दो महत्वपूर्ण परियोजनाएँ उल्लेखनीय हैं। देवघर में 24 एलएचबी प्रकार के कोच का अनुरक्षण और सिक लाइन के लिए देवघर कोचिंग अनुरक्षण पिट के संवर्द्धन के लिए आधारशिला रखना और स्टेबलिंग लाइन के साथ वॉशिंग पिट का समर्पण भी शामिल है। देवघर में इस कोचिंग के बुनियादी ढांचे के विकास से देवघर क्षेत्र से चलने वाली या इस क्षेत्र से गुजरने वाली अधिकाधिक ट्रेनों के परिचालन में मदद मिलेगी जिससे तीर्थयात्रियों को बैद्यनाथ धाम से आने-जाने में आसानी होगी। इन पहलों से न केवल अनुरक्षण क्षमताओं में सुधार होगा बल्कि संरक्षा मानकों को भी बढ़ावा मिलेगा, जो यात्रियों की भलाई को प्राथमिकता देने के लिए रेलवे द्वारा ली गई प्रतिज्ञा की पुष्टि करता है। इसके अलावा, मोहनपुर गुड्स शेड का लंबे समय से प्रतीक्षित समर्पण बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने और संचालन को सुव्यवस्थित करने के अटूट प्रयास का उदाहरण है। यह अत्याधुनिक सुविधा, माल के कुशल संचालन के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में काम करेगी जो रेलवे नेटवर्क की समग्र दक्षता में योगदान देगी। प्रगति और नवप्रवर्तन की इस यात्रा में रेलवे अटूट समर्पण के साथ देश और उसके नागरिकों की सेवा करने के लिए दृढ़ है। रेलवे ऐसे भविष्य की दिशा में प्रयासरत है जहां कनेक्टिविटी की कोई सीमा नहीं हो और सभी के लिए अवसर प्रचुर मात्रा में हों।