आसनसोल । बीते फरवरी महीने में संदेश खली में भाजपा नेता और बंगाल विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदू अधिकारी पर यह आरोप लगा था कि उन्होंने वहां पर ड्यूटी कर रहे एक सिख आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी कहा था। इसके बाद सिख समाज द्वारा इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया था। गुरुवार केंद्रीय गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष तजिंदर सिंह बल ने कहा कि भाजपा नेता शुभेंदू अधिकारी ने फरवरी महीने में एक आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी कहा था। इसके बाद केंद्रीय गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और कोलकाता के जितने भी गुरुद्वारा हैं। सबके प्रबंधक कमेटी के सदस्यों ने कोलकाता में मुख्यालय में धरना प्रदर्शन शुरू किया था। उनकी मांग थी कि पश्चिम बंगाल सरकार उनके खिलाफ मामला दर्ज करें और भारतीय जनता पार्टी सिख समाज से माफी मांगे। लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया गया। इसके बाद अमृतसर के अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघुवीर सिंह आए थे। सिख समाज की तरफ से मामला उनके संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने यह जानना चाहा कि अभी तक उनके खिलाफ कानूनी मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया है। इस पर सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा ज्ञानी रघुवीर सिंह की बात फोन पर राज्य के कानून मंत्री मलय घटक से करवाई गई। मंत्री ने उन्हें बताया कि कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार कोलकाता हाई कोर्ट की अनुमति के बिना नेता प्रतिपक्ष को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। इस पर ज्ञानी रघुवीर सिंह ने कहा कि अगर ऐसी बात है तो पश्चिम बंगाल सरकार शुभेंदू अधिकारी के विधायक पद खारिज करने को लेकर सक्रिय हो और उन्हें नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाया जाए। इस पर मंत्री मलय घटक ने कहा कि वह इस चीज को लेकर बातचीत करेंगे और उसके बाद कोई फैसला लिया जाएगा। तजिंदर सिंह बल ने कहा मंत्री के इस आश्वासन के बाद वह सिख समाज के लोगों से यह अनुरोध करते हैं कि भाजपा पार्टी मुख्यालय के पास कोलकाता में जो धरना दिया जा रहा है। उसे कुछ दिनों के लिए खत्म किया जाए और राज्य सरकार को समय दिया जाए कि वह अकाल तख्त के जातेदार की मांगों के अनुरूप शुभेंदु अधिकारी का विधायक पद खारिज करें और भारतीय जनता पार्टी सिख समाज से माफी मांगे।
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