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भारत अब किसी भी विदेशी राष्ट्र का बंधुआ मजदूर नहीं है – राष्ट्र प्रेमी सुरेन जालान

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आसनसोल । अब भारत किसी भी विदेशी राष्ट्र का बंधुआ मजदूर नहीं है। चाहे अपने आप में कितना भी वह स्वयं को मजबूत समझे। भारतवर्ष की विश्वस्तरीय मंच पर एक अलग ही पहचान है। उदाहरण कतर की न्यायपालिका द्वारा भारतीय नौसना के भूतपूर्व आठ सैनिकों को फांसी की सजा सुनाई गयी थी, वहां की न्यायपालिका द्वारा परन्तु भारत की अपनी विश्वस्तरीय नीति द्वारा आठ में से सात सैनिकों को सकुशल भारत ले आया गया। उक्त बातें आसनसोल के राष्ट्र प्रेमी सुरेन जालान ने कही। उन्होंने कहा कि समुद्री लुटेरों द्वारा अपहरण किए गए सभी क्रू मेंबरों को भारतीय नौसेना सुरक्षित वापस लाने की सामर्थ्य रखता है। आज भारत जो बोलता है उसे सबसे अधिक पड़ोसी राज्य की जनता ध्यानपूर्वक सुनती है एवं अपने वज़ीरो से कहती है। अमेरिका एवं जर्मनी जैसे देश को हमारी न्यायपालिका एवं हमारी किसी भी एजेंसी को ज्ञान देने की जरूरत नहीं है।जर्मनी जैसे देश में फ्रैंकफोर्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट है।इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होने के बावजूद भी वहां मिनटों में पलक झपकते ही लोगों का सामान एवं लगेज भरी ट्रॉली गायब हो जाती है। अमेरिका नस्लवाद एवं भेदभाव में विश्व का सबसे अधिक कलंकित राष्ट्र है। आज वह हमारे विशेष अरविंद केजरीवाल के लिए भारत के न्यायपालिका एवं उसकी संस्थानों पर टिप्पणी कर रहे हैं। हमारे देश की न्यायपालिका, सुरक्षा संबंधित एजेंसीयो पर अपना वक्तव्य दे रहे हैं। सर्वप्रथम अपने अपने गिरेबान में झांके। स्वयं को मजबूत करें एवं सामर्थ्यवान बनाये।हमारी न्यायपालिका एवं हमारी एजेंसीयो की नीतियों को देखे एवं समझें। भारत की ओर से यह हमारा सुझाव है।
 
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