आसनसोल । शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी महराज के अपने जीवनकाल में अपने निश्चित कार्यक्रम से एक दिन भी ज्यादा कहीं नहीं ठहरें हैं। परन्तु आसनसोल के पंचगछिया की धरती पर आनन्दम रेसिडेंसी में बनी उनकी मनमोहक कुटिया ने उन्हें और तीन दिनों तक जाने नहीं दिया। अब शंकराचार्य जी यहां से 14 अप्रैल को प्रस्थान करेंगें। शंकराचार्य जी को यहां का आतिथ्य सत्कार एवं स्वच्छ परिवेश साथ ही साथ मनमोहक कुटिया इस कदर भा गया कि उन्होंने अपना कार्यक्रम ही बदल लिया। भक्तों के बीच ये समाचार मिलते ही उनके अनुयाई खुशी से झूम उठे हैं। उसी प्रांगण में कल से आचार्य विवेक मिश्र के द्वारा भागवत गीता का पाठ आरंभ हुआ। जिसका विधिवत शंकराचार्य के द्वारा उदघाटन किया गया। 16 तारीख तक भागवत गीता का पाठ शाम 5 बजे रात्रि 8.30 बजे तक चलेगा। समाप्ति के दिन भंडारा का भी कार्यक्रम है। कल से भागवत कथा सुनने के लिए महिला एवं पुरूषों की भीड़ देखने को मिल रही है। सुबह शाम शंकराचार्य जी की सभा उसके बाद दीक्षा एवं शाम में भागवत कथा का आयोजन शांतिपूर्ण तरीके से किया जा रहा है। प्रशासन कार्यक्रम को कराने में हर तरह की मदद कर रही है। कार्यक्रम के संयोजक शम्भू नाथ झा ने कहा इस तरह अनुशासनात्मक कार्यक्रम बहुत ही कम जगह देखने को मिलती है। सभी का सहयोग के लिए उन्होंने धन्यवाद ज्ञापन किया।
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