खाना-सीतारामपुर-प्रधानखांटा मार्ग पर बाड़ लगाने की परियोजनाओं के पूरा होने से एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई
आसनसोल । खाना-सीतारामपुर-प्रधानखांटा मार्ग पर धातु की बाड़ लगाने से कई महत्वपूर्ण उद्देश्य पूरे होंगे। इनमें मवेशियों और अतिक्रमण की घटनाओं सहित अनधिकृत प्रवेश को रोकना और तोड़-फोड़ जैसी नुकसान से बचाना और रेल लाइनों की संरचनात्मक अखंडता को बनाए रखना शामिल है। बाड़ लगाने की यह कार्य विशेष रूप से दुरंतो, शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस जैसी हाई-स्पीड ट्रेन सेवाओं के अक्सर उपयोग किए जाने वाले सेक्शनों के लिए महत्वपूर्ण है। बाड़ लगाने की इन परियोजनाओं के लाभ संरक्षा विषयक मुद्दों से कहीं आगे के महत्तव के हैं। पटरियों पर अवरोधों को रोककर, बाड़ लगाने से ट्रेन की गति को बनाए रखने और समय की पाबंदी सुनिश्चित करने में मदद मिलती है, जो यात्रियों की सुविधा और ट्रेन परिचालन दक्षता दोनों के लिए आवश्यक है। दुर्घटनाओं और ट्रेन परिचालन के विलंब के मामले में जोखीम की कमी के कारण यात्रियों को अधिक विश्वसनीय सेवा मिलती है, जिससे उनके समग्र यात्रा अनुभव में वृद्धि होती है। रेलों पर संरक्षा और दक्षता ने ग्राउंड-ब्रेकिंग क्रैश बैरियर और आरसीसी (ठोस सीमेंट कंक्रीट) बाड़ लगाने की परियोजनाओं के पूरा होने के साथ एक बड़ी छलांग लगाई है। महत्वपूर्ण रेल गलियारों में फैली ये परियोजनाएं खाना-सीतारामपुर-प्रधानखांटा मार्ग पर लगभग 257 किलोमीटर को कवर करती हैं, जो बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन में आसनसोल मंडल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मंडल ने चुनौतीपूर्ण दलदली भूमि सहित विभिन्न इलाकों में मशीनी-सहायता और मैनुअल संस्थापनागत तकनीकों के संयोजन को नियोजित करते हुए धातु की बाड़ लगाने की तीव्र तैनाती पर ध्यान केंद्रित किया। मंडल ने खाना-सीतारामपुर-प्रधानखांटा सेक्शन पर महत्वपूर्ण प्रगति की, जिसमें 257 किलोमीटर के हिस्से में से 243 किलोमीटर आरसीसी बाड़ पहले ही लगाई जा चुकी है। ये पहल न केवल हमारे बुनियादी ढांचे को संभावित खतरों से बचाती हैं, बल्कि यात्रियों के लिए एक सुरक्षित वातावरण और सुचारू माल ढुलाई संचालन भी सुनिश्चित करती हैं। इसके अतिरिक्त, वे ट्रेन की गति और समय की पाबंदी बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो विश्वसनीय सेवा प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण है।