ईसीएल के सीएसआर के तहत डिजिटल विद्या कार्यक्रम की शुरुवात
कुल्टी । आज के समय में डिजिटल माध्यमों से शिक्षा को एक आवश्यकता मानते हुए तथा डिजिटल डिवाइड को कम करने के लिए डिजिटल कक्षाओं की पहुंच को बढ़ाना समय की मांग है, ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ने गुरुवार को ईसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक, समीरन दत्ता की उपस्थिति में ‘ईसीएल के सीएसआर के तहत डिजिटल विद्या कार्यक्रम’ के लिए ईडीसीआईएल (इंडिया) लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस सीएसआर पहल के तहत, गोड्डा जिले के 40 स्कूलों और दुमका जिले के 23 स्कूलों; झारखंड के कुल 63 स्कूलों को स्मार्ट क्लासरूम और आईसीटी लैब की सुविधा प्रदान की जाएगी। इस कार्यक्रम की अनुमानित लागत 8.52 करोड़ रुपये है और कुल निधि कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा अपनी सीएसआर पहल के तहत प्रदान की जाएगी। नीति आयोग के अनुसार गोड्डा और दुमका जिले आकांक्षी जिले हैं और ईसीएल भी इन क्षेत्रों में अपना व्यवसाय संचालित कर रहा है। राजमहल क्षेत्र, ईसीएल की कोयला खदानें गोड्डा जिले में चल रही हैं और ईसीएल को दुमका जिले में ब्राह्मणी-चिरचोरपटसीमा और अमरकोंडा मुर्गादंगल कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए हैं, जहां भविष्य में ईसीएल की कोयला खदानें चालू होंगी। ईसीएल ने इन क्षेत्रों में अपने परिचालन के आसपास के क्षेत्रों के विकास के लिए मोबाइल मेडिकल वैन सेवा, आईटीआई प्रशिक्षण, एटीडीसी प्रशिक्षण कार्यक्रम आदि जैसी विभिन्न विकासात्मक पहल की हैं। ‘डिजिटल विद्या’ ईसीएल के ऐसे प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है जो सरकारी और निजी स्कूलों के बीच डिजिटल विभाजन को कम करेगा। यह कार्यक्रम दुमका जिले के शिकारपाड़ा, काठीकुंड और गोपीकांदर ब्लॉक के साथ-साथ गोड्डा जिले के बोआरीजोर और महागामा ब्लॉक के स्कूलों को कवर करेगा। इस सीएसआर कार्यक्रम के एक वर्ष में पूरा होने की उम्मीद है। इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के अवसर पर, ईसीएल के विभागाध्यक्ष (कल्याण/सीएसआर-एचआरडी) एस के सिन्हा, ईडीसीआईएल के मुख्य महाप्रबंधक पवन कुमार शर्मा ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए अपनी कंपनियों का प्रतिनिधित्व किया, मुख्य महाप्रबंधक, ईडीसीआईएल ने इस परियोजना के बारे में अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक, ईसीएल को जानकारी दी तथा अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक, ईसीएल ने विभागाध्यक्ष (सीएसआर) सिन्हा को इस कार्यक्रम की गहन निगरानी करने की सलाह दी, ताकि इस कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यालयों में उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं का समुचित कार्यान्वयन एवं उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।