आसनसोल । विद्रोही कवि काजी नजरुल इस्लाम की पुण्यतिथि के अवसर पर गुरुवार आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण के कांफ्रेंस हॉल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पश्चिम बर्दवान जिला शासक एस पन्नाबलम, आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण के चेयरमैन कवि दत्ता सहित जिला के तमाम प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी और अन्य व्यक्ति उपस्थित थे। मौके पर सभी ने कवि काजी नजरुल इस्लाम की तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इसके उपरांत यहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इस मौके पर जिला शासक एस पोन्नाबलम तथा कवि दत्ता ने आजादी के आंदोलन में काजी नज़रुल इस्लाम के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से काजी नज़रुल इस्लाम की रचनाओं ने आजादी के दीवानों को उत्साहित किया। उनकी हौसला अफजाई की और उनमें अंग्रेजों से लड़ने का जज्बा बुलंद किया। उसके कोई मिसाल नहीं है। इसके साथ ही काजी नजरुल इस्लाम सांप्रदायिक सौहार्द के भी प्रतीक थे। उन्होंने श्यामा संगीत की रचना की जो आज भी बहुत श्रद्धा के साथ गए जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्भ का विषय है कि काजी नजरुल इस्लाम का जन्म पश्चिम बर्दवान जिला के जामुरिया स्थित चुरुलिया में हुआ था।
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