मकर संक्रांति के दिन स्नान कर गौ सेवा करना सबसे बड़ा पुण्य का काम होता है
आसनसोल । हमारे पूर्वजों की धरोहर गौ सेवा हमेशा से रही है। जिसमें विशेष तौर पर दो तिथियां महत्वपूर्ण है। एक कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की गौपाष्टमी तिथि एवं दूसरी पोष मास की मकर संक्रान्ति का दिन। आप सभी सनातनी भाइयों से विनम्र प्रार्थना है कि इस सेवा की महिमा को जीवित रखने हेतु यथासंभव सहयोग करें। इस महाकुंभ में भी लोग स्नान करने के बाद पहली सेवा के रूप में गौ सेवा ही कर रहे हैं। आसनसोल के व्यवसायी सुरेन जालान ने कहा कि मकर संक्रांति पर गौ माता को दान करना न भूलें। उन्होंने कहा कि गौ सेवा के बिना रहता है हर तरह का दान अपूर्ण। गाय माता को इस दिन जरूर खिलाएं हरा चारा, गुड़, काली उड़द, चने की दाल। गाय की पीठ को सहलाने से दूर होती है शारीरिक पीड़ा। नर्वस सिस्टम को मतबूती मिलती है। आसनसोल कल्ला दोमोहानी सतपोखरिया गौशाला वर्ष 1922 मकर संक्रान्ति की शुभकामनाएं।