श्रम विरोधी कानून लागू होने पर होगा देश में व्यापक और ऐतिहासिक हड़ताल – हरभजन सिंह सिद्धू
आसनसोल । आसनसोल के रवींद्र भवन में मंगलवार कोलियरी मजदूर कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन हुआ। मौके पर हिंद मजदूर सभा के महामंत्री हरभजन सिंह सिद्धू दिल्ली से विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। यहां पर कोयला उद्योग को निजीकरण करने की सरकार की कोशिशे को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। इस दौरान यहां पर विभिन्न संगठनों से आए कई लोगों ने संगठन का दामन थाम लिया। इस बारे में पत्रकारों से बात करते हुए हरभजन सिंह सिद्धू ने बताया कि केंद्रीय सरकार जिस तरह से कोयला उद्योग को निजी हाथों में सौंपने की कोशिश कर रही है। देश का मजदूर इसके खिलाफ है। उन्होंने कहा कि अब तक भारत में जो श्रम कानून थे, उनको बदलकर चार श्रम कोड बनाए गए हैं, जिन्हें 1 अप्रैल से लागू किया जाएगा। हरभजन सिंह सिद्धू ने साफ कहा कि अगर केंद्र सरकार 1 अप्रैल से इन चार श्रम कोड को लागू करती है, तो देश में व्यापक और ऐतिहासिक हड़ताल होगी और इसके लिए केंद्र सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार होगी, क्योंकि मजदूर हड़ताल नहीं करना चाहता लेकिन जिस तरह से श्रमिकों के साथ अन्याय किया जा रहा है, उनकी जायज मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। ऐसे में मजदूरों के सामने हड़ताल पर जाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि मजदूरों से 8 घंटे के बजाय 12 घंटे काम लेने की बात की जा रही है। उनके पेंशन को खत्म किया जा रहा है। ड्यूटी के दौरान किसी मजदूर की मौत हो जाने पर आश्रित को नौकरी नहीं दी जा रही है, एक और मांग जो मजदूरों द्वारा की जा रही है। वह समान कार्य पर समान वेतन उन्होंने कहा कि आज स्थाई श्रमिक को जो वेतन दिया जा रहा है, ठेका मजदूरों को भी उसी कार्य के लिए समान वेतन देना होगा। हरभजन सिंह सिद्धू ने कहा कि देश में 12 ऐसे श्रमिक संगठन हैं जिनको श्रम मंत्रालय द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। उसमें से 10 मजदूर संगठन उनके साथ हैं और यह सभी केंद्र सरकार की नई नीतियों का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि अगर केंद्र सरकार अपने फैसले पर फिर से विचार नहीं करती है, तो संभवत मई महीने में पूरे देश में व्यापक हड़ताल की जाएगी।