पिठाकियारी ग्रामीण अस्पताल में पंखा बीते 17 तारीख से है खराब, वृक्ष के नीचे हो रही चिकित्सा सेवा

सालानपुर । सालानपुर प्रखंड के पिठाकियारी ग्रामीण अस्पताल में अजीबोगरीब घटना हो रही है। क्षय रोग निवारण विभाग का बिजली का पंखा 17 जुलाई से खराब हो गया है और कर्मचारी व मरीज भीषण गर्मी में हांफ रहे हैं। नतीजतन, अस्पताल के अंदर काम करने के बजाय, वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक रक्तिम दे एक अश्वत्थ वृक्ष की छाया में शरण लेने को मजबूर हैं। वहां दवाइयां बांटी जा रही हैं, मरीजों की स्वास्थ्य जांच हो रही है और यहां तक कि नए मरीजों का पंजीकरण भी हो रहा है। गर्मी और उमस के कारण क्षय रोग के मरीजों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है और वे घर के अंदर नहीं जा पा रहे हैं। रक्तिम दे को असहनीय माहौल में काम करने में भी दिक्कत हो रही है। उन्होंने प्रखंड स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विनय रॉय के समक्ष कई बार समस्या उठाई, लेकिन एक सप्ताह बाद भी कोई समाधान नहीं निकला है। अंत में खबर है कि खबर के चलते 22 जुलाई को दोपहर 12 बजे पंखे की मरम्मत की पहल की गई। राज्य स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के एक नेता ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “बड़े-बड़े अधिकारी एसी-पंखों की हवा में आराम से काम करते हैं, लेकिन आम कर्मचारियों की परेशानियों की तरफ मुड़कर भी नहीं देखते। अगर यही हाल रहा तो स्वास्थ्य सेवाएँ चरमरा जाएँगी!” पीठाकियारी का ‘पेड़-फर्श उपचार’ स्वास्थ्य व्यवस्था पर तीखा व्यंग्य जैसा है। सवाल उठता है कि पंखे ठीक करने में इतनी देर क्यों हो रही है? या पेड़ों की छाँव ही अब अस्पताल का नया पता है?














