अगर निर्वाचन आयोग बिहार में SIR वापस नहीं लिया तो 50 लाख से ज्यादा उन पर एफआईआर दर्ज होंगे

आसनसोल । पश्चिम बंगाल आसनसोल शिल्पांचल के जाने-माने वरिष्ठ अधिवक्ता एवं राष्ट्रीय जनता दल राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य वरिष्ठ समाजवादी नेता नंद बिहारी यादव ने भारत के निर्वाचन आयोग को संघ एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रकोष्ठ के रूप में काम करने का आरोप लगाया। यादव ने कहा कि भारत के आजादी के इतिहास पहली बार इलेक्शन कमिशन इतना भ्रष्ट नपुंसक और बेशर्म हो चुका है, पूरे देश की जनता देख रही है और यह जान गई है कि इलेक्शन कमिशन 2014 से मोदी और गुजराती कॉरपोरेट घराने के ब्रांडेड नेता मोदी को जीतने के लिए इलेक्शन कमीशन अपने सारे सीमाओं को पार करके संवैधानिक मान्यताओं को खत्म कर दिया है और वह खुलकर भारत के नागरिकों के भारत के संविधान में निर्मित जो मौलिक अधिकार नागरिक अधिकार तथा उन्हें जो वोट देने का अधिकार है। इसे वंचित करने के लिए अब पूरी तरह से नंगा खेल बिहार में शुरू किया है। लेकिन देश की जनता सब देख रही है। अब इसे बर्दाश्त किसी भी कीमत पर नहीं किया जाएगा। श्री यादव ने कहा कि बिहार में भारी जनता का आक्रोश है और पूरे बिहार के जनता सड़कों पर है। अगर निर्वाचन आयोग अंग्रेजों से भी बदतर स्थिति बनाकर अगर जबरदस्ती अपने विशेष मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम को चालू रखा और लागू किया तो इसके गंभीर परिणाम चुनाव आयोग को भुगतना होगा क्योंकि भारत के संविधान में कहीं भी किसी भी संवैधानिक संस्था को अनुमति नहीं है। वह जनता के इच्छा के विरुद्ध जाकर कम करें। क्योंकि लोकतंत्र में जनता का शासन जनता के लिए और जनता के द्वारा होता है। यह गुजराती कॉरपोरेट घराने के लिए जनता बिहार और देश की नहीं बनी है जो गुजराती कॉर्पोरेट के ब्रांडेड मोदी को देश को गुलाम बना दिया जाए। पूरे बिहार में 95 फीसदी जनता केवल बीजेपी आरएसएस मनुवादियों को छोड़कर के गरीब दलित पिछड़े अल्पसंख्यक समाज के लोग निर्वाचन आयोग के इस विशेष मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम का विरोध कर रही है। इसलिए इलेक्शन कमीशन को यह चुनौती हैं कि वह अपने विशेष मतदाता पुनरीक्षण आरएसएस के एजेंडा और फर्जी दस्तावेज बनाना फर्जी मतदाता सूची बनाना और फर्जी विधायक सांसद चुनकर फर्जी सरकार बनाना बंद करें और तुरंत वापस ले ले अन्यथा गंभीर परिणाम ही भुगतने होंगे। श्री यादव ने कहा की अगर 50 लाख से ज्यादा वोट देने वाले नागरिकों का मतदाता सूची से नाम काटेंगे तो उतना ही नागरिक इलेक्शन कमीशन के विरुद्ध उन्हें अभ्युक्ति बनाकर ब्लॉक लेवल से लेकर अनुमंडल जिला राज्य एवं केंद्रीय निर्वाचन अधिकारी के विरुद्ध भारतीय संविधान में निमित्त कानूनी प्रक्रियाएं एवं दंड के विधान जो भारतीय दंड विधान एवं वर्तमान में भारतीय न्याय न्याय संहिता की धाराओं के तहत फर्जी मतदाता सूची बनाने फर्जी दस्तावेज हरजी हस्ताक्षर करने तथा फर्जी मतदाता सूची बनाने फर्जी मतदान करने फर्जी सांसद विधायक चुनने और फर्जी प्रधानमंत्री बनाने तथा फर्जी सरकार बनाने तथा देश के नागरिकों को मताधिकार के अधिकार वोट की चोरी और डकैती करने तथा भारत सरकार द्वारा निर्गत वोटर कार्ड आधार कार्ड और राशन कार्ड को नहीं मानने के गंभीर आपराधिक धाराओं के तहत चुनाव आयोग के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। उल्लेखनीय की जितने मतदाता सूची में नाम काटेंगे। उतना ही संख्या में बिहार के सभी थानों में सामूहिक प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी और यह लड़ाई सड़क थाना एवं न्यायालय एवं सांसद और विधानसभा तक लड़ी जाएगी। लेकिन आरएसएस के एजेंडा को लागू नहीं कर बिहार एवं भारत के नागरिकों को गुलाम नहीं होने दिया जाएगा और बिहार में किसी भी बिहारी के वोटर लिस्ट को काटने की अनुमति भारत के संविधान नहीं देता है जिसे बिहार की जनता नहीं लागू होने देगी।














