लोगों की पहली पसंद’ होने के बावजूद, टोटो जन-जीवन को प्रभावित कर रहा है

टोटो के प्रभुत्व के कारण मिनी बस मालिकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है
दुर्गापुर(जितेंद्र कुमार चौधरी)। राज्य के लगभग हर शहर में स्थानीय प्रशासन ने अवैध टोटो के उत्पात को रोकने के लिए कार्रवाई की है। अपंजीकृत टोटो ज़ब्त किए जा रहे हैं। लेकिन औद्योगिक शहर दुर्गापुर में स्थिति बिल्कुल उल्टा है। अपंजीकृत टोटो ज़ब्त करने की बजाय, उन्हें शहर की सड़कों पर चलने दिया जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में, दुर्गापुर शहर में टोटो की संख्या इतनी बढ़ गई है कि यातायात की गति धीरे-धीरे धीमी होती जा रही है। टोटो के उत्पात से लोग प्रभावित हो रहे हैं। एक के बाद एक मिनी बस बंद होती जा रही हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। उप-मंडल मजिस्ट्रेट सौरव चटर्जी बताते हैं कि परिवहन के मामले में लोगों की पहली पसंद को प्राथमिकता देने के लिए टोटो की आवाजाही को नियंत्रित करने के नियमों में ढील दी गई है। उप-विभागीय मजिस्ट्रेट के अनुसार, ‘आम लोगों की अपनी मंज़िल तक पहुँचने के लिए टोटो पहली पसंद है। स्टैंड पर खड़े यात्री अगर मिनी बस के साथ कोई टोटो आता देखते हैं, तो वे दूसरा वाहन चुन रहे हैं। टोटो उन्हें तेज़ी से उनके मंज़िल तक पहुँचा रहा है।’ हालांकि वे यह भी मानते हैं कि हाल ही में अवैध टोटो की संख्या बढ़ी है। जल्द ही एक अभियान शुरू किया जाएगा।’ सरकारी नियमों के अनुसार, सड़क पर टोटो चलाने के लिए उसे इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी की मंज़ूरी लेनी होती है। परिवहन विभाग इन टोटो को सड़क पर चलने के लिए विशिष्ट नंबर और पंजीकरण दे रहा है। चालक को लाइसेंस दिया जा रहा है। दुर्गापुर शहर के ज़्यादातर टोटो के पास आईसीएटी की मंज़ूरी नहीं है। नतीजतन, अगर टोटो दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है, तो यात्रियों को बीमा लाभ नहीं मिलेगा। राज्य के परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती के अनुसार, आईसीएटी की मंज़ूरी वाले टोटो सड़क पर चलेंगे। राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोटो नहीं चलेंगे। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं हो रहा है। नियमों का पालन नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश जिलाधिकारी और परिवहन विभाग को भेज दिया गया है।दूसरी ओर, टोटो के उत्पात को लेकर आम लोगों का कहना है कि बेनाचिति बाजार में सड़क पर बेतरतीब ढंग से खड़े टोटो के कारण यातायात जाम हो रहा है। अदालत के आदेश की परवाह किए बिना राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोटो चल रहे हैं। दुर्गापुर नगर निगम के प्रशासक अनिंदिता मुखर्जी ने कहा कि ‘टोटो के बारे में कई शिकायतें मिल रही हैं। कभी-कभी छापेमारी की जाती है। पूजा से पहले एक और छापेमारी की जाएगी। उप-विभागीय मजिस्ट्रेट के साथ बैठक के बाद छापेमारी की तारीख तय की जाएगी।’
टोटो के दबदबे के कारण मिनी बस मालिकों को नुकसान उठाना पड़ा है। बस मालिक एसोसिएशन ने इस संबंध में उप-विभागीय प्रशासन को लगभग एक दर्जन पत्र सौंपे हैं। मिनीबस मालिक एसोसिएशन के अध्यक्ष आलोक चटर्जी कहते हैं, “मैंने प्रशासन से कहा है कि यात्रियों को बस से उतरकर टोटो में सवार होकर अपने गंतव्य तक जाना चाहिए। यानी टोटो को उन सड़कों पर चलना चाहिए जहाँ बसें नहीं चलतीं, जैसे बस स्टैंड से दूर घर या गाँव। लेकिन दुर्गापुर में टोटो मिनीबस रूट पर चल रहे हैं। फिर यात्री मिनीबस में क्यों सवार हों? दुर्गापुर और आसपास के इलाकों में लगभग 10,000 टोटो चल रहे हैं। टोटो की हिंसा के कारण कई मिनीबसें बंद कर दी गई हैं।”














