कथाकार शिव कुमार यादव के अभिनंदन समारोह व संगोष्ठी में जुटे शिल्पांचल के साहित्य प्रेमी
बर्नपुर(भरत पासवान)। साहित्य संस्कृति की पहल का मंच गणमित्र आसनसोल रानीगंज की ओर से भारती भवन में रविवार को कथाकार शिव कुमार यादव के अभिनंदन समारोह और संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम दो सत्र में संपन्न हुआ। पहला सत्र अभिनंदन सत्र रहा जिसकी अध्यक्षता कथाकार एवं साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता कथाकार संजीव के सान्निध्य में प्रस्फुटित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों ने पौधे में पानी देकर किया। वहीं इस अवसर पर कथाकार शिव कुमार यादव को प्रशस्ति पत्र, पुष्पगुच्छ, मोमेंटो एवं फूलों की माला पहनाकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में कथाकार संजीव ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि लेखक साहित्य की रचना करते समय अपनी अभिव्यक्ति को प्रकट करता है। शिवकुमार हमेशा मेरे सानिध्य में रहे, और अपनी लेखनी प्रतिभा को उभारा है।
वरिष्ठ साहित्यकार संजय सुमति, रविभूषण ने भी कार्यक्रम में कथाकार शिव कुमार यादव के साहित्य लेखन की सराहाना की लेखक शिव कुमार यादव अपने जीवन में 300 कविता, कहानी, उपन्यास सहित 15 पुस्तक लिख चुके है। इस्को स्टील प्लांट बर्नपुर के मानव संसाधन विभाग के कार्यकारी निदेशक उमेंद्र पाल सिंह ने इस्को स्टील प्लांट बर्नपुर के रिटायर्ड कार्मिक शिव कुमार यादव के साहित्यिक यात्रा को बेमिसाल और प्रेरक बताया। नगर सेवाएँ के मुख्य महाप्रबंधक विजेंद्र वीर ने ख़ुशी व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे ही कर्मी शिव कुमार यादव ने अपने अथक परिश्रम और सतत प्रयास से शिल्पांचल के हिंदी साहित्य जगत को राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान दी है । प्रख्यात कथाकार एवं आलोचक सुधीर सुमन ने भी अपनी वक्तव्य को प्रस्तुत किया। सत्र संयोजन के प्रथम सत्र का निशांत ने अपने बखूबी अंदाज़ में मंच का संचालन कर श्रोताओं को साहित्य सरिता में गोता लगाने पर मजबूर किया। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र वरिष्ठ साहित्यकार रविभूषण की अध्यक्षता में बखूबी जारी रहा। पुष्पा बरनवाल ने शिव कुमार यादव की कहानियों के आज और भविष्य के समाज पर पड़ने वाले प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की । गुलनाज बेगम ने शिव कुमार यादव द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘संभ्रांत होते बच्चों का भविष्यलोक’ और समकालीन कविता का सौंदर्यशास्त्र पर विस्तार से अपनी बात रखी। हितेन्द्र पटेल ने शिव कुमार यादव के कथा संसार के मध्यम से साहित्य के इतिहास पर विषाद रूप से चर्चा की। बलभद्र ने शिव कुमार यादव के कथा संसार में भोजपुरी अंचल के सामाजिक सांस्कृतिक यथार्थ के बारे में विस्तार से अपनी बात श्रोताओं के समक्ष रखी। संजय सुमति ने शिव कुमार यादव के कविता के शिल्प सौंदर्य और उसके गहराई के बारे में चर्चा किया। सुधीर सुमन ने शिव कुमार यादव की कहानियों को सामाजिक परिवर्तन में एक क्रांतिकारी उपक्रम माना। कृष्ण कुमार श्रीवास्तव ने शिव कुमार यादव द्वारा बिहार के ग्रामीण पृष्ठभूमि पर लिखी गई उपन्यास को एक समग्र रचना माना।
आसनसोल के साहित्यकार अरुण पांडेय ने शिव कुमार यादव को हिंदी साहित्य का एक्टिविस्ट माना।
जयराम पासवान ने शिव कुमार यादव को अपनों के बीच का कथाकार कहा। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र का कुशल संचालन रामजी सिंह यादव के द्वारा किया गया।