विशिष्ट समाजसेवी कृष्णा प्रसाद पहुंचे सीतारामपुर के सूर्य मंदिर, किया गया भव्य स्वागत, सूर्य मंदिर के रुके कार्यों को पूरा करने का दिया आश्वासन
कुल्टी । जब कोई इंसान जनसेवा मूलक कार्यों में अपना तन मन धन न्योछावर कर दे तो उसे एक ऐसे परम आनंद की अनुभूति होती है जिसे शब्दों में बयां करना असंभव है। आसनसोल के विशिष्ट समाजसेवी सह व्यवसायी कृष्णा प्रसाद ने छठ पूजा से पहले देवभूमि जाकर आध्यात्मिक सफर की जो शुरुआत की थी वह आज भी जारी रही। उनके यात्राओं का परिणाम है कि वह बीते लगभग 25 सालों से नि:स्वार्थ भाव से जनसेवा मूलक कार्य करते आ रहे है। गुरुवार को कृष्णा प्रसाद सीतारामपुर के सूर्य मंदिर पहुंचे। वहां श्रीश्री सूर्य शक्ति सेवा ट्रस्ट के सदस्यों ने उनका भव्य स्वागत किया। फूलों के माला पहनाया गया, गुलदस्ता देकर सम्मानित किया गया। कृष्णा प्रसाद ने महंत सीतारामदास जी का आशीर्वाद लिया। कृष्णा प्रसाद ने बताया कि वह बीते लंबे समय से यहां आने की सोच रहे थे लेकिन कुछ कारणों से वह नहीं आ पा रहे थे। बीते बुधवार की रात को उन्हें महंत जी से बात हुई तो वह गुरुवार यहां उनके आदेश का पालन करते हुए पहुंचे। कृष्णा प्रसाद ने बताया कि वह इस आश्रम में पहली बार आए है और उनको यहां आकर उन्हें अंतरात्मा से बहुत अच्छा लगा। मन को काफी सुकून और शांति मिली। उन्होंने कहा कि यहां सूर्य भगवान का एक मंदिर बन रहा है। लेकिन फिलहाल ढलाई का काम बंद करना पड़ा है। सेवा ट्रस्ट की तरफ से उनको इस कार्य को पूरा करने की बात कही गयी जिसे उन्होंने महंत जी का आदेश समझकर सहर्ष स्वीकार कर लिया। कृष्णा प्रसाद ने कहा कि यहां जिस तरह से आकर मन को शान्ति मिली है उससे उनकी इच्छा है कि यहां एक भव्य सूर्य धाम बने जहां आकर पूरे शिल्पांचल के लोगों को आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति हो। वहीं महंत सीतारामदास जी ने कृष्णा प्रसाद को समय निकालकर यहां आने के लिए कोटी कोटी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इससे पहले कई लोग यहां आए और बड़े बड़े आश्वासन देकर चले गए लेकिन सार्थक कार्य नहीं हुआ। लेकिन कृष्णा प्रसाद के साथ ऐसा नहीं है। उनको विश्वास है कि कृष्णा प्रसाद ने जो कहा है उसे वह पूरा करेंगे। क्योंकि वह एक समाजसेवी हैं। जो समाज सेवी होते हैं वह भगवान के करीब होते है। जनसेवा ही असल भगवत सेवा है। महंत जी ने कहा कि जिस तरह से अयोध्या में एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। ठीक वैसे ही यहां भी सूर्य भगवान के मंदिर का निर्माण हो रहा है। कृष्णा प्रसाद जैसे महानुभावों का योगदान ही इस कार्य को संभव बनाते है। महंत जी का कहना था कि चूकि सूर्य भगवान और छठ माता की कृपादृष्टि इनपर है। इसलिए वह इस तरह से जनसेवामूलक कार्य करते रहेंगे।