भारतीय रेलवे का पहला जीसीटी टर्मिनल पूर्व रेलवे के आसनसोल मंडल में खोला गया
आसनसोल । ‘गति शक्ति’ योजना के माध्यम से सरकार सोलह मंत्रालयों द्वारा “एकीकृत योजना और समन्वित निष्पादन” का वादा करते हुए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाने का लक्ष्य तैयार कर रही है। प्रत्येक मंत्रालय और सरकारी विभाग एक संतुलित और समकालिक दृष्टिकोण के माध्यम से चल रही योजनाओं और आगामी परियोजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने में सक्षम होंगे। यह परियोजना रेलवे, सड़क मार्ग और राजमार्ग जैसे सरकारी विभागों और कई अन्य को एक दायरे में लाएगा। जियो-सैटेलाइट इमेजरी के इस युग में, बड़े डेटा, भूमि और रसद योजनाओं को कुशल तरीके से संभाला जाएगा।
माननीय प्रधान मंत्री की दृष्टि “गति शक्ति” और रेल मंत्रालय की नीति ‘गति शक्ति मल्टी मॉडल कार्गो टर्मिनल’ (जीसीटी) के अनुसरण में, आसनसोल मंडल ने थापरनगर स्टेशन से निकली निजी साइडिंग मैथन पावर लिमिटेड को सफलतापूर्वक चालू कर दिया है। दिसंबर’21 में शुरू की गई जीसीटी नीति के बाद से यह भारतीय रेलवे में अपनी तरह का पहला है। परमानंद शर्मा, मंडल रेल प्रबंधक/आसनसोल ने विजयंत रंजन/सीईओ/एमपीएल और चीफ ईआर टाटा पावर अन्य एमपीएल अधिकारियों तथा अपर मंडल रेल प्रबंधक और आसनसोल मंडल के शाखा अधिकारिओं की उपस्थिति में मैथन पावर लिमिटेड (एमपीएल) प्लांट में साइडिंग लाइन्स, पैनल रूम और हॉपर के कामकाज का उदघाटन किया। गति शक्ति नीति के तहत यह अपनी तरह का पहला पावर प्लांट है जो इस क्षेत्र में संभावित व्यवसाय को आमंत्रण / बढ़ावा देगा और स्थानीय क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की चुनौतियों का सामना करेगा। अभी तक मैथन पावर लिमिटेड का कामकाज कोयले पर चल रहा था, जिसकी ढुलाई सड़क मार्ग से ही हो रही थी। इस साइडिंग, पैनल रूम और हॉपर के चालू होने के बाद, कुल सड़क यातायात को प्रति माह 120 इनवर्ड(आवक) कोल रेक में बदलने की उम्मीद है और फ्लाई ऐश के 02 से 04 आउटवर्ड(जावक) रेक को इस साइडिंग से संभालने का अनुमान है। इससे रेलवे की आय में प्रति माह 11 करोड़ रुपये (लगभग) की वृद्धि होगी। इस संयंत्र का स्थान औद्योगिक और खनन क्षेत्र के आसपास है और इस साइडिंग की भविष्य की संभावना आशाजनक है।