प्रदूषण नियंत्रण के लिए धुंआलेस चूल्हा और गैस आयरन वितरण किया गया
आसनसोल । आसनसोल नगर निगम के प्रशासनिक सभागार में गुरुवार पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से आसनसोल नगर निगम क्षेत्र के लोगों के बीच 15 धुंआलेस चूल्हा एवं 5 गैस आयरन वितरण किया गया। बैठक में निगम के चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी, एडीसीपी के डीसी हेड क्वार्टर अंशुमान साहा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी सुब्रत घोष, सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। इस मौके पर पश्चिम बर्दवान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक मुख्य अभियंता ने कहा कि प्रदूषण रोकथाम के लिए केंद्र सरकार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से आसनसोल नगर निगम को 7 करोड़ 35 लाख रुपया दिया गया। उन्होंने कहा कि कहां-कहां से प्रदूषण होता है इसकी जानकारी ली गई तो देखा गया कि सड़क के किनारे फुटपाथ पर फास्टफूड संचालक कोयला की चूल्हा पर खाना बनाते है। उसे बहुत ज्यादा प्रदूषण होता है। उन्होंने कहा चाहे वह घर हो या रास्ते के किनारे के होटल जहां भी कोयले का इस्तेमाल कर खाना पकाया जाता है। उससे निकलने वाले धुंआ से वायु प्रदूषण होता है। इसके लिए उन्होंने कहा कि कोयले के स्थान पर गैस का चूल्हा उपयोग कराया जा रहा है। इसके अलावा धुंआलेस चूल्हा दिया जा रहा है। वहीं उन्होंने कहा कि इसके साथ ही रास्तों से उड़ रही धूल से निजात पाने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पुलिस और नगर निगम को राशि मुहैया कराई गई है। जिससे वह पानी का छिड़काव कर सकें। उन्होंने कहा कि यह बड़े सौभाग्य की बात है कि शिल्पांचल में जमीन के नीचे मीथेन गैस की बहुतायत है। ऐसे में शिल्पांचल के कारखानों को कोयले के बजाय मीथेन गैस का इस्तेमाल कराए जाने को लेकर उत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ उन पर दबाव भी डाला जा रहा है। ताकि लोग प्रदूषण नियंत्रण करने के प्रति और ज्यादा सचेत हो। उन्होंने कहा कि सभी को इस प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अपनी जिम्मेदारी लेनी होगी। तभी हम अगली पीढ़ी के लिए एक स्वच्छ और निर्मल धरती छोड़ सकते है। उन्होंने कहा कि आसनसोल नगर निगम जिस तरह से लोगों के घर घर जाकर कचरे को संग्रह कर रहा है और उसे अलग-अलग कर रहा है। वह काफी सराहनीय पहल है। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि केंद्र सरकार द्वारा आसनसोल नगर निगम को 7 करोड़ 35 लाख रुपया मुहैया कराई गई है। ताकि वह प्रदूषण नियंत्रण में किए जा रहे सराहनीय कार्य को और आगे बढ़ा सकें।