केएनयू के नियोग में भ्रष्टाचार में लिप्त मोनालिसा सहित पांच के निलंबन को लेकर जोरदार प्रदर्शन व ज्ञापन
आसनसोल । पश्चिम बंगाल में शिक्षा में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए गुरुवार माकपा की तरफ से काजी नजरुल विश्वविद्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया गया। इस मौके मीनाक्षी मुखर्जी, गौरांग चटर्जी, पार्थ मुखर्जी, सत्यजीत चटर्जी, जयदीप चक्रवर्ती, दीपायन राय, पंकज राय सरकार, डॉ. अरुण पांडेय सहित अन्य माकपा नेता कार्यकर्ता और समर्थक उपस्थित थे। यह सभी एक जुलूस की शक्ल में काजी नजरुल विश्वविद्यालय पहुंचे। पत्रकारों से बातचीत करते हुए मीनाक्षी मुखर्जी ने कहा कि जिस तरह से बंगाल की शिक्षा व्यवस्था को कलंकित किया जा रहा है। वह अत्यंत शर्मनाक है। उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी के नेता भाई भतीजावाद और रिश्वत के बदले अयोग्य लोगों को नौकरी देने के मामले में लिप्त हैं। उन्होंने कहा कि पहले लोहा, कोयला एवं बालू की चोरी होती थी। अब शिक्षा के क्षेत्र में चोरी हो रही है। यह व्यापक भ्रष्टाचार है जिसमें सिर्फ अकेले पार्थो चटर्जी सम्मिलित नहीं है और भी कई बड़े नाम इसमें सम्मिलित हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त किया जा रहा है। वह सिर्फ इसलिए ताकि भारत में सरकारी शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो जाए और निजी शिक्षा व्यवस्था की तरफ जाने के लिए लोग मजबूर हो। उन्होंने केंद्र सरकार पर इस तरह की नीति बनाने और राज्य सरकार पर उस नीति को कार्यान्वित करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ और स्वच्छता लाने के लिए आज वह एक ज्ञापन सौंपने के लिए काजी नजरुल विश्वविद्यालय आए हैं। उनकी मांग थी कि मोनालिसा दास सहित ऐसे सभी अयोग्य प्रोफेसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। जिन को भ्रष्टाचार के कारण नौकरी मिली है। वहीं माकपा नेता पार्थ मुखर्जी ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि वह सीधे तौर पर काजी नजरुल विश्वविद्यालय के उपाचार्य डॉ. साधन चक्रवर्ती, मोनालिसा दास, पापड़ी दे, चैताली दत्ता तथा मालेश्वर माल के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सभी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और बिना योग्यता के यहां नौकरी दी गई है जो कि सर्वथा अनुचित है। वहीं मीनाक्षी मुखर्जी से जब पूछा गया कि मिथुन चक्रवर्ती ने कल कोलकाता में दावा किया था कि अगर आज चुनाव हुए तो बंगाल में भाजपा की जीत होगी। इस पर मीनाक्षी मुखर्जी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि इससे फायदा क्या होगा। क्योंकि जिस शुभेंदु अधिकारी और भारती घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पक्ष में पूरे जंगल महल में आतंक फैलाया था। वहीं आज भाजपा के साथ हैं। अगर सही मायने में टीएमसी के 38 विधायक मिथुन चक्रवर्ती के संपर्क में हैं तो सबसे पहले शुभेंदु अधिकारी को भाजपा से निकाला जाए । उन्होंने कहा की पार्टी बदलने से फायदा नहीं होगा। पॉलिसी बदलनी होगी तब कहीं जाकर लोगों को सुविधा मिलेगी। विश्वविद्यालय के उपाचार्य को ज्ञापन सौंपकर आने के उपरांत मीनाक्षी मुखर्जी ने कहा कि आज माकपा का एक प्रतिनिधिमंडल उपाचार्य को ज्ञापन सौंपने गया था। लेकिन हमको पहले से ही पता था कि वह क्या बोलेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारें सरकारी शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करना चाहती हैं। ताकि यह पूरी की पूरी शिक्षा व्यवस्था गैर सरकारी हाथों में चली जाए। जिससे रोजगार कर सकें। उन्होंने कहा शिक्षा व्यवस्था के साथ रोजगार के अवसर प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। अगर शिक्षा व्यवस्था में भ्रष्टाचार होगा तो रोजगार के अवसर पर भी इसका असर पड़ेगा । उन्होंने कहा कि अकेले पार्थ चटर्जी इस में सम्मिलित नहीं है पूरी की पूरी सरकार पूरा तंत्र इसमें सम्मिलित है।