जमाई षष्ठी मनाई:जमाई षष्ठी काे लेकर उत्साह का रहा माहाैल, घरों में की गई पूजा
आसनसोल । इस पर्व के मद्देनजर बंगाली समुदाय की महिलाएं सुबह बरगद या पीपल वृक्ष के नीचे पूजा-अर्चना कर जमाई के दीर्घायु होने की कामना करती हैं। यह समय गर्मी का है। ऐसे में जमाई को कोई परेशानी न हो, इसके लिए हाथ का पंखा हिलाकर मौसमी फल और तरह-तरह के पकवान खाने को दिये जाते हैं। बांग्ला संस्कृति में जमाई षष्ठी पर्व की एक अलग पहचान है। आसनसोल सहित पुरे क्षेत्र में यह पर्व धूमधाम से मनाया गया। लगभग सभी बंगाली परिवार में इस त्योहार काफी उत्साह व धुम-धाम के साथ मनाते है। तथा व्रत में बच्चों की अच्छी सेहत की प्रार्थना भी की जाती है। इस दिन दामाद के खूब आदर सत्कार करने की परंपरा है, दामाद को आमतौर पर मौसमी फल खिलाए जाते हैं, विशेष कर आम और इलिश मछली अवश्य ही खिलाई जाती है। इस पर्व को लेकर क्षेत्र में उत्साह का वातावरण बना रहा। इस संबंध आसनसोल गांव के सुकदेव राय की धर्मपत्नी शोभा मंडल ने जानकारी देते हुए बताया कि जमाई षष्ठी व्रत ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मां षष्ठी देवी की पूजा की जाती है। इस मौके पर विवाहिता लड़की और दामाद को आमंत्रित करने की परंपरा है। दामाद को भगवान का रूप दिया जाता है, ससुराल वाले दामाद के हाथ में पीला धागे का रक्षासूत्र बांध कर उनकी लंबी आयु की कामना करते हैं।