दिल्ली पब्लिक स्कूल दुर्गापुर में भव्य तरीके से हुआ दुर्गापूजा का आगाज
दुर्गापुर : दुर्गापुर के विधाननगर स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल दुर्गापुर में मां दुर्गा के स्वागत में बड़ा अनोखा कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। कोरोना काल ने भले ही हमारी परिसीमा को बांध दिया हो परन्तु हमारे उल्लास को धूमिल न कर पाई है। ये त्यौहार ही तो होते हैं जो जीवन का स्वाद बढ़ा देते हैं और बच्चों के बिना कोई भी त्यौहार वैसा ही लगता है जैसे दीयों के बिना दिवाली। इसका साक्षात प्रमाण दिल्ली पब्लिक स्कूल दुर्गापुर के बच्चों ने दिया। कार्यक्रम के स्वागत गीत दुर्गति नाशिनी दुर्गे, त्रिगुणा नाशिनी दुर्गे ने तो मानो पूरा वातावरण पवित्र कर दिया। स्वागत गीत के उपरांत प्रधानाचार्य उमेश चन्द्र जैसवाल जी ने बच्चों को संबोधित करते हुए मां दुर्गा के नव रूपों से शक्ति तथा प्रेरणा प्राप्त करने का सन्देश दिया। उन्होंने यह भी बताया कि बुराई चाहे कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो जाए अच्छाई की एक हुंकार ही उसके विनाश के लिए सक्षम है। कार्यक्रम में “मैं नारी हूँ उजियारी हूँ” कविता की आवृति ने तो इतिहास के झरोखों से नारी की भूमिका के अहम् योगदान का मानो खाका खींच दिया हो। इस कविता ने यह बखूबी समझा दिया कि नारी जहां ममता की मूरत है वहीं समय आने पर मां चंडी का भी रूप धर सकती है। नारी को जब – जब दबाया या कुचला गया है तब -तब संसार ने विनाश झेला है। समय चंडीमंगल काव्या की कहानी पर आधारित नाटक के जरिए बच्चों ने कालकेतु और और फुल्लोरा की कहानी का बड़ा सुन्दर मंचन किया। कार्यक्रम के आखिर में हमेशा की तरह नृत्य प्रस्तुति ने चार चांद लगा दिया। बच्चों ने तबो अचिंतो रूपों चोरितो, ॐ जय दुर्गे चामुंडे, रूपं देही और जय जय जग जननी देवी जैसे गीतों पर भव्य नृत्य प्रस्तुत किया। पूरे कार्यक्रम में कक्षा पांच से बारहवीं श्रेणी तक के बच्चों ने पूरे जोशो खरोश
से भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया। इस शुभकामना के साथ कि मां दुर्गा सबका मंगल करें। कार्यक्रम का समापन हेड बॉय अक्षत खैतान ने सभी प्रतिभागियों और प्रधानाध्यापक का आभार व्यक्त करके किया।