महावीर स्थान मंदिर परिसर में दिखा अद्भुत दृश्य, दीयों से बनाई गई रंगोली
आसनसोल । पूरे देश के साथ साथ शिल्पांचल में भी धूमधाम से रौशनी का त्योहार दीपावली मनाई जा गई।दीपावली यानी दीपों का त्योहार रौशनी का त्योहार। इस दिन हर एक क्षेत्र रौशनी से नहाता है। आजकल भले ही बिजली के झालरों से रौशनी की जा रही है लेकिन आज भी लोग अपने घरों में दीयों से रौशनी करते हैं। इसे शुभ माना जाता है। ठीक उसी तरह दीपावली पर एक और चीज की जाती है जो है रंगोली। बंगाल में इसे आलपना और भारत के अन्य प्रांतों में रंगोली कहा जाता है। महिलाओं द्वारा घरों मंदिरों आदि जगहों पर मनमोहक रंगोलीयां बनाईं जाती है। जिसे देखकर किसी का भी मन प्रफुल्लित हो जाती है। लेकिन यह कैसा हो अगर दीयों और रंगोली का मिश्रण किया जाए। आसनसोल के जीटी रोड के किनारे स्थित महावीर स्थान मंदिर परिसर में दीयों से रंगोली बनाई गई है । दीयों से बनी इस रंगोंली को देखकर किसी के भी मुंह से बरबस ही वाह ! क्या बात है निकल ही जाएगा। दीयों की इस रंगोली से स्वास्तिक ओम जैसे आकारों को रुप दिया गया है। दीपावली के दिन मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की नजर जैसे ही दीयों से बनी इस रंगोंली पर पड़ी तो उनके चेहरे पर खुशी से भरा विस्मय छा गया। इस मौके पर आसनसोल महावीर स्थान सेवा समिति के सचिव अरुण शर्मा ने सबको दीपावली की बधाई दी। उन्होंने कहा कि दीपावली का त्योहार खुशियों का रौशनी का त्योहार है। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम 14 साल का वनवास पूरा कर और लंकापति रावण का वध कर अयोध्या वापस लौटे थे। भगवान राम माता सीता और लक्ष्मण के अयोध्या आगमन की खुशी में अयोध्या वासियों ने पूरे नगर को दीयों से रंगोली से सजा दिया था। उसी परंपरा का निर्वहन करते हुए दीपावली तक दीपावली के दिन दीयों से रंगोली से हर एक जगह को सुसज्जित किया जाता है। उन्होंने सबको दीपावली की बधाई दी और कहा कि कोरोना के सभी नियमो का पालन करते हुए दीपावली मनाएं। वहीं लक्ष्मी गणेश जी से प्रार्थना किया कि इस कोरोना महामारी को पूरे देश के साथ आसनसोल में खत्म करें।